ढाका विस्फोट : 44 घंटे बाद सुरक्षा गार्ड का शव बरामद
रविवार को एक भीषण विस्फोट के बाद ढही इमारत के मलबे से दमकल कर्मियों ने मंगलवार को 65 वर्षीय सुरक्षा गार्ड हारुन-उर-रशीद का शव बरामद किया है;
ढाका। रविवार को एक भीषण विस्फोट के बाद ढही इमारत के मलबे से दमकल कर्मियों ने मंगलवार को 65 वर्षीय सुरक्षा गार्ड हारुन-उर-रशीद का शव बरामद किया है। अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के संचालन उप निदेशक देबाशीष बर्धन ने यह जानकारी दी।
44 घंटे के बाद शव बरामद किया गया।
राजधानी के मोघबाजार इलाके में रविवार को हुए विस्फोट के बाद शोरमा हाउस चेन रेस्तरां की इमारत गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी और 66 अन्य घायल हो गए थे।
विस्फोट से मोघबाजार में एक इमारत आंशिक रूप से ढह गई, जबकि आसपास के दर्जनों ढांचे की कांच की दीवारें टूट गईं।
ढाका के विभिन्न अस्पतालों में कई पैदल यात्रियों सहित सैकड़ों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में कहीं गैस लीक होने से धमाका हुआ है। पुलिस ने घटना के पीछे किसी भी तरह की साजिश से इंकार किया है।
घटना के बाद 79 आउटर सकरुलर रोड पर टूटे हुए खंभे, कांच के टुकड़े और टूटे हुए कंक्रीट थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भारी क्षतिग्रस्त दो बसों को तीन मंजिला इमारत के बाहर ढेर में छोड़ दिया गया।
मोनिरुल इस्लाम रमना पुलिस थाना प्रभारी (ओसी) ने कहा, विस्फोट के बाद से केयरटेकर लापता है।
मृतकों की पहचान 23 वर्षीय जन्नत और उनकी नौ महीने की बेटी शोभना, निजी कार चालक स्वपन 39, बस चालक अबुल काशेम मुल्ला 45, निजी कर्मचारी रूहुल अमीन 30, शर्मा हाउस रेस्तरां शेफ उस्मान गनी तुषार और रेडियो धवानी पत्रकार मुस्तफिजुर रहमान 26 के रूप में हुई है।
इससे पहले, पुलिस प्रमुख बेनजीर अहमद ने कहा कि विस्फोटक विशेषज्ञ मोघबाजार में हुए घातक विस्फोट की जांच करेंगे, हालांकि उन्हें विश्वास नहीं था कि घटना एक बम के कारण हुई थी।
इस बीच, घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच निकाय का गठन किया गया है। पुलिस की आतंकवाद निरोधी इकाई (सीटीटीसी) के प्रमुख मोहम्मद असदुज्जमां पैनल के शीर्ष पर होंगे, बम निरोधक शाखा के अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
दूसरी ओर, कानून लागू करने वालों ने घटना की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।
पुलिस मुख्यालय ने सोमवार को कहा कि इसके अलावा, सात सदस्यीय पैनल को घटनास्थल का निरीक्षण करने और सात कार्य दिवसों के भीतर घटना की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का काम सौंपा गया है।