लोकतांत्रिक नीति ने सत्तावादी मानसिकता को पराजित किया : मोदी

आपातकाल की 44वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज निडरता होकर इसका विरोध करने वाले सभी लोगों को सलाम किया;

Update: 2019-06-25 13:04 GMT

नई दिल्ली । आपातकाल की 44वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज निडरता होकर इसका विरोध करने वाले सभी लोगों को सलाम किया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक नीति ने सत्तावादी मानसिकता को सफलतापूर्वक पराजित कर दिया। आपातकाल को 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच के समय को कहा जाता है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। यह एक ऐसी राजनीतिक स्थिति बन गई थी जिसमें चुनाव स्थगित हो और नागरिक स्वतंत्रता पर नियंत्रण हो।

गांधी ने आपातकाल लागू करने का प्रस्ताव दिया, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने स्वीकार कर लिया और इसके बाद मंत्रिमंडल और उसके साथ-साथ संसद में भी इस स्पष्टीकरण पर पारित कर दिया गया कि देश बाहरी और आंतरिक खतरों से गुजर रहा है।

मोदी ने 90 सेकेंड के एक वीडियो के साथ एक ट्वीट में कहा, "भारत उन सभी महान लोगों को सलाम करता है जिन्होंने निडर होकर बेबाकी से आपातकाल का विरोध किया। भारत की लोकतांत्रिक नीति ने सत्तावादी मानसिकता को सफलतापूर्वक पराजित कर दिया।"

India salutes all those greats who fiercely and fearlessly resisted the Emergency.

India’s democratic ethos successfully prevailed over an authoritarian mindset. pic.twitter.com/vUS6HYPbT5

— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019


 

वीडियो में समाचार पत्रों से न्यायिक तंत्र तक के आपातकाल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताते हुए इसे ऐसा 'काला अध्याय' बताया गया है जिसने लोकतंत्र को रोंद डाला था।

वीडियो में प्रधानमंत्री ने कहा, "आपातकाल के दौरान, कई शीर्ष नेताओं को जेल में डाल दिया गया। गोपनीय सूचनाएं देने पर जेल से निकाला जाता था।"

 

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