लोकतंत्र में शासन का जबावदेह होना चाहिए: मोदी

नरेंद्र माेदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर हो रही प्रतिक्रियाओं का स्वागत करते हुए आज कहा कि लोकतंत्र में शासन का जबावदेह हाेना चाहिए और सकारात्मक आलोचनाएं इसे बल देती हैं;

Update: 2017-05-28 12:56 GMT

नयी दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर हो रही प्रतिक्रियाओं का स्वागत करते हुए आज कहा कि लोकतंत्र में शासन का जबावदेह हाेना चाहिए और सकारात्मक आलोचनाएं इसे बल देती हैं। 

 मोदी ने अाकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में राष्ट्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले महीने से जन संचार माध्यमों अखबार, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया में वर्तमान सरकार के तीन वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है। 

उन्होेंने कहा, “ मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए, जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए। मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की है। कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियाँ निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूँ। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने महत्वपूर्ण प्रतिक्रियाएं दी है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रुटि और कमी उजागर होने पर सुधार करने का अवसर मिलता है और उसी के सीखा तथा आगे बढ़ा जाता है। उन्होंने कहा, “ सकारात्मक आलोचना से लोकतंत्र को बल देता है। एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है।” 

 मोदी ने कहा कि तीन साल पहले उन्होंने ‘प्रधान सेवक’ का दायित्व संभाला था। इसके आकलन के लिए सर्वेक्षण और जनमत संग्रह हुए हैं। यह प्रक्रिया एक स्वस्थ संकेत है। उन्होेंने कहा, “हर कसौटी पर इस तीन साल के कार्यकाल को कसा गया है। समाज के हर तबके के लोगों ने उसका आकलन किया है और लोकतंत्र में यह एक उत्तम प्रक्रिया है। 

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