प्रधानमंत्री से राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने की मांग
यह मांग दिल्ली में सोमवार को आयोजित एक बैठक में की गई।;
नई दिल्ली | राजस्थानी संस्थाओं के फेडरेशन राजस्थान संस्था संघ के तत्वावधान में यहां हुई बैठक में हाल में शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने की मांग की गई। यह मांग दिल्ली में सोमवार को आयोजित एक बैठक में की गई। मंगलवार को यह जानकारी संघ के मीडिया प्रमुख गोपेंद्र नाथ भट्ट ने आईएएनएस को दी। उन्होंने कहा, "बैठक का आयोजन दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में हुआ। बैठक में चर्चा के दौरान कहा गया कि राजस्थान विधानसभा ने केंद्र सरकार को काफी पहले ही इस बाबत संकल्प पारित करके भेज दिया था।"
बैठक में मौजूद संस्था अध्यक्ष सुरेश खंडेलवाल ने कहा, "राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाए जाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी कई बार कह चुके हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राजस्थानी, भोजपुरी और भोती भाषा को मान्यता देने का वादा किया था। इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी समाज के लोग अपने-अपने स्तर पर आग्रह कर चुके हैं।"
बैठक में मौजूद संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवरतन अग्रवाल बीकानेरवाला, उपाध्यक्ष के.एम. गुप्ता, राजस्थान अकादमी के अध्यक्ष गौरव गुप्ता, राजस्थान भाषा संघर्ष समिति के राजेंद्र व्यास सहित समाजसेवी आर.के. किला आदि भी मौजूद थे। इस अवसर पर संस्था के महासचिव के.के. नरेडा ने 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस के भव्य आयोजन संबंधी मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया।