स्वामी सहजानंद सरस्वती को भारत रत्न देने की मांग

 दिल्ली में पहली बार स्वामी सहजानन्द जयंती मनाया गया। इस मौके पर रविवार को आयोजित किए गए कार्यक्रम में बिहार के कई दिग्गज नेता मौजूद;

Update: 2020-02-23 18:24 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली में पहली बार स्वामी सहजानन्द जयंती मनाया गया। इस मौके पर रविवार को आयोजित किए गए कार्यक्रम में बिहार के कई दिग्गज नेता मौजूद थे। इस मौके पर सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने स्वामी को भारत रत्न देने की मांग की। स्वामी सहजानन्द की 131वीं जयंती का उद्घाटन करते हुए सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा, "स्वामी सहजानंद सरस्वती जी आजीवन किसानों के लिए काम करते रहे, किसानों के लिए निरन्तर संघर्ष करते रहे।"

उन्होंने कहा कि आज प्रधानमन्त्री जी भी किसानों के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं, और किसानों के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, यदि अन्नदाता उदास रहता है और उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय है तो यह बहुत चिंतनीय विषय है। प्रधानमंत्री जी किसानों के लिए निरन्तर प्रयास कर रहे हैं, आजादी की लड़ाई में भी स्वामी सहजानंद सरस्वती जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस मौके पर राज्यपाल ने स्वामी को भारत रत्न देने की मांग की।

कार्यक्रम में सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद के अलावा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह और भाजपा नेता संजय पासवान भी मौजूद थे।

इस अवसर पर भाजपा नेता संजय पासवान ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती ने बिहार में अपनी ही जाति के जमींदारों के खिलाफ एक बहुत बड़ा आंदोलन किया था, उनके प्रयास से बिहार में जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ। पूर्व मंत्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती जी सचमुच में भारत के रत्न थे, स्वामी जी किसानों को भगवान के रूप देखते थे, स्वामी सहजानंद ने सभी जाति और धर्म के लोगों के हितों के लिए काम किया है।

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