डीटीसी का किराया बढ़ाना चाहती है दिल्ली सरकार
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता व स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने राजधानी की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की बाबत खुलासा किया है कि दिल्ली सरकार मेट्रो के बाद दिल्ली परिवहन निगम के किराए बढ़ाने की तैयारी;
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता व स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने राजधानी की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की बाबत खुलासा किया है कि दिल्ली सरकार मेट्रो के बाद दिल्ली परिवहन निगम के किराए बढ़ाने की तैयारी में है। मेट्रो रेल के बाद अब डीटीसी बसों का किराया बढ़ाकर ओला, ऊबर जैसे प्राइवेट कंपनियों को पूरा लाभ पहुंचाने की अलिखित सरकारी योजना का खुलासा करते हुए स्वराज इंडिया ने कुछ कागज दिखाए और कहा कि सरकार के अपने कागजों से ही वह कटघरे में खड़ी दिखती है।
दिल्ली परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक और दिल्ली सरकार के परिवहन सचिव ने लिखित तौर पर मेट्रो रेल के किराया निर्धारण समिति को बताया था कि मेट्रो का किराया बढ़ाने के बाद डीटीसी बसों का किराया भी बढ़ा दिया जाएगा। दावों को साबित करते हुए स्वराज इंडिया ने मेट्रो रेल किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों वाली रिपोर्ट को सार्वजनिक किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मेट्रो किराया बढ़ने का हवाला देकर दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों का किराया बढ़ाने की योजना पहले से ही बना रखी थी।
यहां तक कि समिति ने मेट्रो किराया बढ़ाने के पीछे डीटीसी की योजना को अपनी सिफारिश में एक आधिकारिक तर्क के रूप में पेश किया है।
अनुपम ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम की स्थिति चरमराई हुई है, बस सेवा में सुधार करने के बजाय, सीधा किराया बढ़ा देना दिल्ली की जनता की कमर तोड़ देगा। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में 43.47 लाख सवारियों की संख्या वर्ष 2015-16 में रोजाना सफर करने वाले सवारियों की संख्या 35.37 लाख और वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 30.33 लाख हो गया।
उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में कहा था कि दिल्ली को वर्ष 2001 तक 10 हजार बसों की आवश्यकता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2007 में कम से कम 11 हजार बसों की जरूरत पर बल दिया था, लेकिन आज कुल 5482 बसें हैं। हालंाकि दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसे निराधार बताते हुए कहा कि बसों में किराया वृद्घि का कोई प्रस्ताव नहीं है।