दिल्ली सरकार ने टैक्सियों के फिटनेस, जीपीएस शुल्क माफ किए

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रीय राजधानी में टैक्सियों के लिए नो फिटनेस टेस्ट व जीपीएस व सिम शुल्क की नीति को विस्तार देगी;

Update: 2019-10-15 22:29 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रीय राजधानी में टैक्सियों के लिए नो फिटनेस टेस्ट व जीपीएस व सिम शुल्क की नीति को विस्तार देगी और दूसरे शुल्क में कमी करेगी। यह घोषणा परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने की। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने नई दरों को मंजूरी दी है, जो एक नवंबर से प्रभावी होगी।

हल्के मोटर वाहन (टैक्सी) के मालिकों/चालकों के लिए परिवहन विभाग अब जीपीएस ट्रैकिंग शुल्क का भुगतान करेगा।

मालिक/चालक वर्तमान में 100 रुपये प्रति महीना जीपीएस ट्रैकिंग चार्ज के रूप में भुगतान कर रहे थे और 600 रुपये फिटनेस जांच के लिए दे रहे थे।

गहलोत ने कहा, "फिटनेट टेस्ट शुल्क को पूरी तरह से माफ कर दिया गया है तो चालकों व मालिकों को विलंब शुल्क के तौर पर 300 रुपये फिटनेस जुर्माने का भुगतान करना होगा। अब तक वे इसके लिए 1,000 रुपये भुगतान कर रहे थे।"

पंजीकरण व पुन: पंजीकरण के लिए 1000 रुपये के शुल्क को कम करके 300 रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, "वे संशोधित योजना के तहत डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाणपत्र व स्वामित्व का हस्तांतरण 150 रुपये में प्राप्त कर सकते हैं। इससे पहले उन्हें इसके लिए 500 रुपये भुगतान करने होते थे।"

जिन चालकों को टैक्सियां कर्ज पर हैं, सरकार ने उनके लिए 1500 रुपये के किराया शुल्क को कम करके 500 रुपये कर दिया है।

आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अगस्त में ऑटो रिक्शा के लिए इसी तरह की माफी व दरों में कमी की थी। इसे एक सितंबर से लागू किया गया।

Full View

Tags:    

Similar News