दिल्ली सरकार कोंडली एसटीपी में लगा रही गाद उपचार संयंत्र, रोजाना 200 टन गाद का हो सकेगा उपचार

दिल्ली सरकार कोंडली स्थित अपने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में एक विशाल 'गाद उपचार संयंत्र' लगा रही है;

Update: 2022-02-23 00:12 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार कोंडली स्थित अपने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में एक विशाल 'गाद उपचार संयंत्र' लगा रही है। इसके बाद प्रतिदिन 200 टन गाद उपचार करने की क्षमता हो जाएगी। नया अपशिष्ट उपचार संयंत्र मौजूदा कोंडली एसटीपी के परिसर के अंदर बनाया जा रहा है। जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने कहा कि डीजेबी प्रतिदिन एसटीपी से 700-800 टन गाद का उत्पादन करती है, जिसे आधुनिक तकनीक का उपयोग करके हम संसाधन में परिवर्तित करेंगे। वहीं 2 साल के भीतर दिल्ली के सभी एसटीपी में एक स्वतंत्र गाद उपचार संयंत्र होगा, ताकि भविष्य में हमे एमसीडी पर लैंडफिल के लिए जमीन मुहैया कराने की किसी प्रकार की कोई भी निर्भरता न रहे। जल के साथ-साथ मंत्री सत्येंद्र जैन के पास उद्योग मंत्री का भी प्रभार है।

उन्होंने बताया कि, औद्योगिक क्षेत्र के 13 कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांटों में इसी तरह के समाधान लागू किए जाएंगे, जहां औद्योगिक संयंत्रों से उत्पन्न गाद प्रकृति को हानी पहुंचा सकते हैं। अपशिष्ट जल और गाद प्रबंधन सभी विकासशील देशों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है।

दरअसल दिल्ली में गाद का प्रबंधन एक बड़ी समस्या है। गाद सीवेज उपचार संयंत्रों से निकलने वाले अवशेष होते हैं। सीवेज से निकला गाद ठोस, अर्ध-ठोस या घोल अवशिष्ट सामग्री होता है, जो सीवेज उपचार प्रक्रियाओं के दौरान बच जाते हैं। इस गाद को एक खुरचनी का उपयोग करके हटा दिया जाता है और फिर एक टैंक में स्थानांतरित कर दिया जाता है, जहां बायोगैस का उत्पादन करने के लिए इसे एनारोबिक बैक्टीरिया द्वारा विघटित किया जाता है।

कोंडली में गाद उपचार संयंत्र बनने का काम 31 मार्च 2022 तक पूरा हो जाएगा। एक बार सफल होने के बाद, यह मॉडल दिल्ली के सभी 36 एसटीपी पर लागू किया जाएगा, जो न केवल बड़ी मात्रा में गाद को निपटाने में मदद करेगा, बल्कि निवासियों को प्रदूषित हवा से भी राहत दिलाएगा।

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