किसान आंदोलन: किले में तब्दील हुआ दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर, 12 लेयर की बैरिकेडिंग और बंद है NH-24
गणतंत्र दिवस में हुई हिंसा के बाद ऐसा लगा था कि पिछले दो महीने से जारी ये किसानों का आंदोलन अब खत्म हो जाएगा लेकिन राकेश टिकैत ने मोर्चा एक तरफ से संभाले रहा और आज इसका परिणाम है कि गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर से किसानों का जमावड़ा लग गया है;
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस में हुई हिंसा के बाद ऐसा लगा था कि पिछले दो महीने से जारी ये किसानों का आंदोलन अब खत्म हो जाएगा लेकिन राकेश टिकैत ने मोर्चा एक तरफ से संभाले रहा और आज इसका परिणाम है कि गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर से किसानों का जमावड़ा लग गया है। जी हां आज 65वें दिन भी गाजीपुर बॉर्डर पर केंद्र सरकार द्वरा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के अन्नदाताओं का प्रदर्शन जारी है। कल रात से ही एक बार फिर से पुलिस ने बड़ी तादात में बैरिकेडिंग कर दी है। जी हां आज रविवार को गाजीपुर बॉर्डर किले में तब्दील हो चुका है। किले में तब्दील हुआ दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर रातोंरात की गई 12 लेयर की बैरिकेडिंग। पुलिस ने ये बैरिकेड़िग किसानों की उमड़ी बीड़ को देख कर किया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान जुट गए हैं। इसको देखते हुए जहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है तो वहीं NH-24 को भी बंद कर दिया गया है। बैरिकेड़िंग के साथ-साथ कंटीले तार भी लगाए गए हैं। पैरामिलिट्री फोर्सेज के साथ पुलिस के जवान तैनात हैं. एनएच-24 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.। नोएडा सेक्टर-62 से अक्षरधाम जाने वाले रास्ते को भी पूरी तरह बंद किया गया है।
आपको बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर भी किसान अबी भी आंदोलन कर रहे हैं। सरकार, पुलिस और आम जनता की लाख कोशिशों के बाद भी ये किसान अभी भी अपने हक की लड़ाई के लिए अपने घरों से दूर यहां पर बैठे हुए हैं। सरकार को झुकाने की मंशा से देश के अन्नदाता लाठी, वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले सब झेल रहे हैं। पिछले दो महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है और ये किसान अपने घरों से दूर देश की राजधानी में बैठकर सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। जी हां किसानों ने साफ कहा है कि सो रही देश की सरकार को जगाने के लिए वो देश की राजधानी में आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने साफ कहा है कि देश की सरकार अभी भी समय है जाग जाए और चंद उद्यागपतियों के हाथों में देश को देने से बचें।