दिल्ली : ईपीएस 95 के पेंशनधारको ने रामलीला मैदान पर की विशाल रैली

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ईपीएस 95 के पेंशनभोगियों ने दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर महासम्मेलन रैली का आयोजन किया;

Update: 2019-12-07 22:46 GMT

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ईपीएस 95 के पेंशनभोगियों ने शनिवार को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर महासम्मेलन रैली का आयोजन किया और 'रास्ता रोको अभियान चलाया'। देश के 27 राज्यों से आये पीड़ित पेंशनभोगियों ने सरकार से आान किया कि उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। ईपीएस 95 के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह ने कहा, "अगर अगले साल की 25 जनवरी तक हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो देशभर में जन-आंदोलन होंगे। ये हमारी सरकार से आर-पार की लड़ाई है। बहरहाल, हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी आवाज सुनेगी और मांगों को पूर्ण किया जाएगा।"

ईपीएस 95 नेशनल एक्शन कमेटी (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्त), ने कहा, "अपनी जीवनभर की पूंजी का एक बड़ा हिस्सा भविष्य निधि में जमा करने के बावजूद उन्हें मात्र 200 रुपये से लेकर 2500 रुपये मासिक पेंशन दिया जाता है। ये लाखों पेंशनभोगियों के साथ अन्याय है जिन्होंने अपनी जीवन निधि को भविष्य में लगा दिया, मगर नतीजा विपरीत निकला है।"

महाराष्ट्र के बुलढ़ाना में लंबे समय (350 दिन से) से प्रदर्शन कर रहीं शोभा आरस (65) ने कहा, "हमारी तऩख्वाह की एक गाढ़ी कमाई भविष्य निधि में चला जाता है। वो हमारा पैसा है जो हमें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। आज हम अपना हक मांग रहे हैं तो सरकार इसे बेजा न समझे। हमारी मांगें कोशियारी कमिटी के दायरे में है।"

उल्लेखनीय है कि कोशियारी कमिटी ने 2013 में ही तत्कालीन सरकार को अपनी सिफारिशें सुपुर्द कर दी थीं। इसके तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन की गारंटी और महंगाई भत्ता देने का प्रावधान है। रिपोर्ट में किसी कर्मचारी की असमय मृत्यु के बाद उसके पति या पत्नी को सहायता राशि देने की भी सिफारिश इस कमिटि ने की है।

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