‘वैचारिक लड़ाई’ है दिल्ली का चुनाव : अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि इस बार हो रहा दिल्ली विधानसभा का चुनाव ‘वैचारिक लड़ाई’ है;
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि इस बार हो रहा दिल्ली विधानसभा का चुनाव ‘वैचारिक लड़ाई’ है।
श्री शाह ने आश्चर्य जताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व नेताओं- उमर खालिद और कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों पर चुप क्यों हैं?
गृह मंत्री ने यहां कमला नगर क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं 12 दिनों से चिल्लाकर पूछ रहा हूं, मगर वह (श्री केजरीवाल) चुप हैं।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार एक वर्ष से अधिक समय से इस मुद्दे को दबाकर बैठी है लेकिन वर्ष 2016 मामले के देशद्रोह के आरोपियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी।
श्री शाह ने कहा, “इस वर्ष का दिल्ली का चुनाव ‘वैचारिक लड़ाई’ है। एक तरफ कांग्रेस के राहुल गांधी हैं, श्री केजरीवाल एवं उनकी पार्टी है- जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं है और वे केवल तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल हैं। दूसरी तरफ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ”
उन्होंने कहा,“श्री केजरीवाल जेएनयू छात्र संघ के पूर्व नेताओं के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के मुद्दे पर खामोश हैं क्योंकि उनके पास ‘बोलने का साहस’ नहीं है।”
गृह मंत्री ने कहा कहा, “शरजील इमाम ने असम को देश से अलग करने की बात कही और भारत को तोड़ने का आह्रान किया।”
उन्होंने कहा, “श्री केजरीवाल ने ट्रवीट कर मुझसे कहा कि हमें शरजील को गिरफ्तार करना चाहिए। हमने अगले दिन ही उसे (शरजील को) गिरफ्तार किया।”