नक्सलियों ने कहा, उनके निहत्थे साथियों की पुलिस ने की हत्या

दंतेवाड़ा ! कुआकोंडा के बर्रेम के जंगलों में हुई मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने स्वीकार किया है कि इसमें उनके 6 साथी शहीद हुए हैं।;

Update: 2017-03-22 04:43 GMT

खाना खाते, आराम कर रहे नक्सलियों पर पुलिस ने किया था हमला

दंतेवाड़ा !   कुआकोंडा के बर्रेम के जंगलों में हुई मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने स्वीकार किया है कि इसमें उनके 6 साथी शहीद हुए हैं।
    जारी विज्ञप्ति में दरभा डिविजनल कमेटी भाकपा माओवादी के सचिव चैतु का कहना है कि इस मुठभेड़ में कामरेड पाली (डीवीसीएम), कामरेड विज्जे (एसीएम), हड़मा, सुक्काल (दल सदस्य), देवाल, निलाम अरनपुर गांव वाले शहीद हुए हैं। नक्सलियों ने अपने मारे हुए साथियों को शहीद बताया है। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि उनके निहत्थे साथियों को भगाते हुए फायरिंग कर हत्या की गई है। जो पकड़ में आ गए थे, उनकी भी हत्या की गई है। इस फायरिंग में 3 लोग घायल हुए हैं। उनको भी पुलिस पकड़ कर ले गयी है। इन्हें कोर्ट में पेश करने की मांग भी नक्सली नेता की है। अपने शहीद कामरेडों के परिवार के दुख में सहभागी होकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का शपथ लिया गया है।
    मलांगीर एरिया कमेटी की ओर से आए एक अन्य पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस मुठभेड़ के दौरान कमांडर गुंडाधुर मौजूद नहीं था। फोर्स के जवान संग्राम, बदरू और किरण झूठा प्रचार कर रहे हैं। घटना के दिन वह शामिल नहीं था बल्कि दूसरे काम से वह गया हुआ था। इस मुठभेड़ की उसे जानकारी भी नहीं है। पुलिस द्वारा जबरदस्ती कमांडर गुंडाधुर के मौजूद रहने का प्रचार किया जा रहा है।
    विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि निहत्थे साथियों पर हुए हमले का विरोध करेंगे। बस्तर के प्राकृतिक संसाधनों पर बहुराष्ट्रीय कंपनिया नजर गड़ाये हुए हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेशकीमती पहाड़ी 13 नंबर को सौंपने एमओयू किया जा चुका है। दंतेवाड़ा में हवाई पट्टी बनायी जा रही है, एनएमडीसी से नगरनार तक पाईपलाईन बिछाने की कोशिश जारी है, इससे गरीब लोग प्रभावित होंगे। शोषणकारी नीतियों के विरोध में जारी संघर्ष को दबाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। गरीबों को पैसे का लालच देकर मुखबिर बनाया जा रहा है। ऐसी मुखबिर की सूचना पर 18 मार्च को दिन में सिड़मेर गांव के पास हमारे डेरे पर पुलिस ने हमला किया। हमारे लोग खाना खा रहे थे और कुछ लोग आराम कर रह रहे थे। पुलिस द्वारा इन पर अंधाधुंध फायरिंग की गई, इससे बचने के लिए कामरेडों ने जवाबी हमला किया और शहादत पायी।

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