कमलनाथ सरकार पर संकट, भोपाल से दिल्ली तक भाजपा सक्रिय
मध्य प्रदेश में शुरू हुई नई सियासत की सुगबुगाहट के चलते संकट में पड़ी कमल नाथ सरकार को लेकर भारतीय जनता पार्टी भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय हो गई है;
भोपाल। मध्य प्रदेश में शुरू हुई नई सियासत की सुगबुगाहट के चलते संकट में पड़ी कमल नाथ सरकार को लेकर भारतीय जनता पार्टी भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय हो गई है। भोपाल में जहां पार्टी के नेताओं की बैठकें चल रही हैं तो दूसरी ओर दिल्ली के नेताओं की हालात पर नजर है।
राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के आक्रामक रुख के चलते कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। बाहरी समर्थन से चल रही सरकार के लिए 17 विधायकों ने अपने इरादे जाहिर कर सरकार के भविष्य को स्याह बना दिया है। इन विधायकों के सरकार से बाहर रहने पर ही कमलनाथ सरकार अल्पमत की सरकार हो सकती है।
राज्य के विधायकों की गणित पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि राज्य की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं, दो सीटें खाली हैं। कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से चल रही है।
राजधानी भोपाल में सोमवार को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की संगठन मंत्री सुहास भगत से लंबी चर्चा चली। दोनों के बीच राज्य के वर्तमान हालात को लेकर मंथन किया गया और उसके बाद तय हुआ कि विधायक दल की मंगलवार की रात को सात बजे बैठक बुलाई जाए, उसके बाद सभी विधायकों को भोपाल बुलाने के निर्देश दिए गए हैं।
एक तरफ जहां भोपाल में भाजपा नेताओं की बैठकों का बीते दो दिनों से दौर जारी है तो दिल्ली से भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व नजर रखे हुए है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा व गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा हो चुकी है और चौहान सुबह की उड़ान से दिल्ली से भोपाल पहुंच रहे हैं।