न्यायालयों में हिन्दी में बहस की अनुमति मिले: पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि न्यायालयों में हिन्दी में बहस और लिखित फैसले देने की व्यवस्था की जानी चाहिए;

Update: 2019-09-12 17:06 GMT

नयी दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि न्यायालयों में हिन्दी में बहस और लिखित फैसले देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

 पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी न्यायालयों में अंग्रेजी में बहस या लिखित दस्तावेज उपलब्ध कराने का विरोध नहीं कर रही है लेकिन देश में बड़ी आबादी ऐसे लोगों की है जो अंग्रेजी नहीं जानते और न ही वकील की फीस चुका सकते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को अपनी भाषा में अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि देश के चार राज्यों में ही अपनी भाषा में न्यायालयों में बहस या दलील देने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि दक्षिण के राज्यों में जो लोग अपनी भाषा में न्यायालयों में बहस या दस्तावेज चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।

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