कोरोना जाँच से तत्काल शुरू हो सकेगा इलाज
कोरोना जाँच का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर किसी को कोरोना पॉजिटिव आता है तो वह समय पर अपना इलाज शुरू कर सकता है;
रायपुर। कोरोना जाँच का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर किसी को कोरोना पॉजिटिव आता है तो वह समय पर अपना इलाज शुरू कर सकता है। समय पर इलाज शुरू होने से उसके जल्दी स्वस्थ्य होने तथा शरीर पर कम से कम हानि होंने की रहती है। इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि प्रभावित व्यक्ति दूसरों को कोरोना नहीं फैलाएंगे और उसके परिवार के सदस्य, मित्र, पड़ोसी, रिश्तेदार तथा संपर्क में आए हुए व्यक्ति स्वस्थ्य बने रहेंगे इससे कोरोना की चेन तोडऩे में भी मदद मिलेगी। यह भी बेहद जरूरी है कि कोरोना से बचाव के लिए हर संभव प्रयास करें और मास्क लगाने के साथ 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखे और कोविड अनुरूप व्यवहार को अपनाए।
टीकाकरण केन्द्रों में दस्तावेज लाकर वैक्सीन लगवाई जा सकती है
कोरोना पॉजिटिव आने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति डॉक्टर की सलाह से घर या अस्पताल में भर्ती हो पायेंगे। आपातकालीन की स्थिति में आक्सीजन या वेंटिलेटर के लिये नहीं भटकेंगे। इस तरह चिकित्सीय खर्चे से भी बचेंगे।
मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालाय, सहित माना, लालपुर और आर्युवेदिक कॉलेज हास्पिटल आदि में कोरोना के ईलाज की व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। कोरोना जाँच नहीं कराने और आधी-अधूरी दवा खाने पर बीमार बने रहने की स्थिति रहेगी तथा आपातकालीन स्थिति में ऐसे मरीज को ऑक्सिजन/वेंटिलेटर के लिये भटकते रहेंगे। उन्हें इलाज में भी लम्बा समय लगेगा। ऐसे में फेफड़े क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना रहती है।
कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी संबंधितों से अपील है कि वे अपना फोटो पहचान पत्र दिखाकर किसी भी कोविड टीकाकरण केन्द्र में कोविड टीकाकरण लगवा सकते हैं। रायपुर जिले में 58 चिकित्सालय और केन्द्रों में कोरोना के जांच और नि:शुल्क वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह जिले के 58 निजी चिकित्सालयों में कोरोना के स:शुल्क वैक्सीन लगाने की व्यवस्था है।
60 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिक के अलावा 45 वर्ष से अधिक आयु के गंभीर मरीजों का कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। 45 वर्ष से 59 वर्ष के मध्य वाले नागरिकों को न्यूनतम एम.बी.बी.एस वाले डाक्टर का निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा। 1 अप्रेल से अब 45 साल के सभी नागरिकों को टीकाकरण लग सकता है। ऐसे नागरिक आधार कार्ड, वोटर आई डी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस,एन.पी.आर कार्ड, पेंशन दस्तावेज में कोई एक दस्तावेज लाकर टीकाकरण करवा सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस नं 7869019063 में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संपर्क किया जा सकता है।
शास्त्री बाजार में कोरोना गाइड लाइन की उड़ रही धज्जियां
कोरोना को लेकर जहां पूरा देश डरा हुआ है, वहीं यहां के बाजारों और चौक-चौराहों में एैसा जान पड़ता है कि लोगों को कोरोना का कोई डर नहीं है। सडक़ों पर जहां चालान से बचने मास्क की औपचारिकता दिखाई दे रही है। वहीं बाजार में व्यापारी हो या फिर खरीददार शासन के गाइड लाइन का माखौल उड़ाते नजर आ रहे है।
प्रदेश में पिछले 1 महीने के भीतर ही 8200 से अधिक कोरोना मरीजों की वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा काफी डराने वाला है। बावजूद इसके प्रदेशवासियों में इसका डर देखने को नहीं मिल रहा है। रायपुर के शास्त्री बाजार सहित शहर के सभी चौक चौराहों पर रोजाना हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। जहां लोग साग-भाजी व जरूरी सामान खरीदने आते हैं।
मास्क का उपयोग करते नजर आते हैं तो कुछ लोग नाम मात्र का मास्क पहन घूम रहे हैं। ताकि किसी तरह चलान से बच जाए। समस्या की वजह तो ये है कि लोग तो लोग दुकानदार, व्यापारी भी कोरोना से जुड़े गाइड-लाइन का पालन नहीं कर रहे हैं और कोरोना को खुला आमंत्रण दे रहें है। बाजार में न तो लोग ठीक से मास्क पहने दिख रहे हैं और न ही देह से दो गज की दूर नजर आती है, न ही किसी प्रकार का डर। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर कैसे काबू में आएगी यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
व्यापारियों और खरीदारों का कहना है कि मास्क पहनने से सांस लेने में दिक्कत होती है व दम घुटता है। खाने पीने के दौरान दिक्कत आती है। इनके अनुसार भले ही जान क्यों न चली जाए पर थोड़े से तकलीफ बर्दास्त नहीं करेंगे। वहीं शासन-प्रशासन भी इस मुद्दे को हल्के में ले रहा है। जहां चलती गाड़ी में मास्क न पहनने वालों को रोक कर चालान काटे जा रहें है, वहीं भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पैदल नियमों का पालन न करना कोई जुर्म नहीं है। अगर नियम गाड़ी से जाने वाले लोगों के लिए है तो बाजार में पैदल घूम-घूम कर बिना मास्क खरीदारी करने वालों के लिए भी होना चाहिए।