गोलगप्पे खाने के बाद पेट दर्द, उल्टी-दस्त से 80 से अधिक लोगों के बीमार होने से मचा हडक़ंप
कोरबा ! दर्री के कलमीडुग्गू में आंत्रशोथ फैलने की खबर से स्वास्थ्य और प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप मची रही वहीं पीडि़तों के परिजनों को भी चिंता सता रही थी।;
0 15 लोग अस्पताल दाखिल, शिविर में दर्जनों का उपचार
कोरबा ! दर्री के कलमीडुग्गू में आंत्रशोथ फैलने की खबर से स्वास्थ्य और प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप मची रही वहीं पीडि़तों के परिजनों को भी चिंता सता रही थी। हरकत में आये स्वास्थ्य महकमे ने कलमीडुग्गू में शिविर लगाकर राहत पहुंचाने का काम शुरू किया है और 15 लोगों को हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनकी हालत अब पहले से बेहतर है।
जानकारी के अनुसार नगर पालिक निगम के दर्री जोन अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 43 कमलीडुग्गू में दूषित गुपचुप व पानी का सेवन कर लेने से 100 से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त की चपेट में आ गए हैं। जैसे ही यह खबर फैली, स्वास्थ्य महकमा और प्रशासन अलर्ट हो गया। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एस. सिसोदिया चिकित्सकों और स्टॉफ के साथ कलमीडुग्गू पहुंचे। हालात का जायजा लेने के साथ ही बीमारों का उपचार करने शिविर लगाया गया। एनटीपीसी, सीएसईबी व जिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं स्टॉफ के द्वारा कलमीडुग्गू में स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों को राहत पहुंचाने का काम शुरू किया गया। प्रभावित लोगों को जीवन रक्षक दवाईयां बांटी गई। एंबुलेंस के जरिए करीब 20 लोगों को जिला अस्पताल भेजा गया जिनमें से हालत में सुधार होने पर कुछ को छुट्टी दे दी गई।
दूषित पानी और गुपचुप है कारण
आंत्रशोथ फैलने का कारण बताते हुए डॉ. पीएएस सिसोदिया ने बताया कि मोहल्ले के अधिकांश लोगों ने गुरूवार की शाम मोहल्ले के ही एक गुपचुप वाले से गुपचुप खाया था जिसके बाद रात से उनकी हालत बिगडऩे लगी थी। 60 से 70 बच्चे और बड़ों ने गुपचुप खाया था और वहीं लोग उल्टी दस्त से पीडि़त हुए हैं। गुपचुप वाले को बुलाकर पूछताछ की गई तब उसने बताया कि वह गुपचुप पानी बनाने के लिए मोहल्ले के ही नल से पानी लेता है। उसने वह जगह भी दिखाई जो हैरत में डालने वाली है। नाली के अंदर से पीने के पानी का पाइप लाइन गुजरा है और प्रबल संभावना है कि नाली का गंदा पानी के मिल जाने से यह साफ पानी भी दूषित होकर बीमारी की वजह बना है।
बांटी गई दवाइयां, ओआरएस घोल
डा. सिसोदिया ने बताया कि शिविर लगाकर 60 लोगों का उपचार किया गया वहीं 15 लोग अभी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। घटना की सूचना पर त्वरित कार्यवाही से हालात को संभाल लिया गया। स्वास्थ्य अमला बराबर नजर रखे हुए है। बस्तीवासियों को क्लोरिन के टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, ओरआरएस पाउडर उपलब्ध कराये गये हैं। नालियों के किनारे ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव कराया गया है। एहतियात के तार पर एक एम्बुलेंस कलमीडूग्गू में खड़ा कराया गया है, ताकि आपात स्थिति में मदद मिल सके।
क्या है आंत्रशोथ के लक्षण
आंत्रशोथ(गैस्ट्रोएन्टेराइटिस-जीई) एक बीमारी है, जो बैक्टीरिया द्वारा आहार-पथ (मुंह, भोजन-नली, पेट और आंत) के संक्रमण और सूजन के कारण प्रदर्शित होती है। इसे पेट के फ्लू के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर बुखार, उल्टी, दस्त और मरोड़ युक्त पेट दर्द इसके साथ जुड़े होते हैं। इसे फूड पॉइजनिंग भी कहा जाता है। यह रोग सबसे अधिक बार कुछ विशेष वायरस के संक्रमण से या कभी-कभी बैक्टीरिया, उनके विषाक्त पदार्थों, पेरासाइट्स या आहार या दवा में किसी चीज के लिए हुई विपरीत प्रतिक्रिया से होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है स्वछता में जरा सी कमी के परिणाम से अंत्रशोध हो सकता है। यह एक फैलने वाली बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रामक कर सकती है। यह दूषित भोजन या पानी को लेने से भी फैल सकता है। आंत्रशोथ के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 24-48 घंटे बाद शुरू होते हैं। इसके मुख्य लक्षण में पतले, पानी जैसे दस्त का 24 घंटे के भीतर तीन या अधिक बार होना शामिल है। अन्य लक्षणों में मतली और उल्टी, पेट दर्द, पेट में ऐंठन, सिरदर्द, बुखार, बेहोशी और कमजोरी, भूख ना लगना, डिहाइड्रेशन होता है क्योंकि उल्टी और दस्त के कारण तरल पदार्थों की कमी हो जाती है।