नए दौर की व्यवस्था से सहकारिता को खतरा नहीं होना चाहिए: डा वी एस व्यास

पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डा वी एस व्यास ने कृषक उत्पादक संगठन का सहकारिता से टकराव की आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि नये दौर की व्यवस्था से सहकारिता को  खतरा नहीं होना चाहिये;

Update: 2018-07-12 15:44 GMT

जयपुर। पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डा वी एस व्यास ने कृषक उत्पादक संगठन का सहकारिता से टकराव की आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि नये दौर की व्यवस्था से सहकारिता को खतरा नहीं होना चाहिये।

डां व्यास ने आज यहां राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि कृषक उत्पादक संगठन सहकारिता आंदोलन के बाद का विचार है। नये दौर की इस व्यवस्था का सहकारिता से टकराव नहीं होना चाहिये । उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को कुछ शक्तियँ खत्म करने का प्रयास करती रही है। उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन एक स्वतंत्र संस्था है जिसे अपने पैरों पर खड़ा करनी चाहिये ।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक आर के थानवी ने कहा कि भारत सरकार ने कृषक उत्पादक संगठन को कम्पनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कर उचित संस्था के रूप में पहचान दी है। यह व्यवस्था नई है ,जिसे व्यापक बनाने की जरूरत है।

समारोह में रिजर्व बैँक एवं नीति आयोग सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।

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