मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट, विकास को बाधित कर सकती है : कौशिक बसु
देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने सोमवार को कहा कि भारत के सामने मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट का खतरा है, जो विकास को बाधित कर सकती है;
नई दिल्ली। देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने सोमवार को कहा कि भारत के सामने मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट का खतरा है, जो विकास को बाधित कर सकती है। बासु ने समाचार चैनल बीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, "मेरे खयाल से दो से चार फीसदी की मुद्रास्फीति दर भारत के लिए अच्छी है। लेकिन मुद्रास्फीति के दो फीसदी से भी नीचे जाने का खतरा है। अगर इसमें लगातार गिरावट रही तो यह विकास में बाधक हो सकती है। विकास दर के और नीचे जाने का जोखिम बना हुआ है।"
उन्होंने कहा कि विकास दर में वृद्धि लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को नीतिगत दरों में 25 फीसदी की बजाय 50 फीसदी की कटौती करनी चाहिए थी।
बासु ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती से मैं बेहद खुश हूं। लेकिन अगर मेरा मत लिया जाता तो मैं आधार दर में 50 फीसदी की कटौती का सुझाव देता।"
बासु ने कहा कि नोटबंदी के अल्पकालिक नकारात्मक प्रभाव के चलते अगली या उससे अगली तिमाही में विकास दर के छह फीसदी से भी नीचे जाने का खतरा है।
उन्होंने कहा, "मैं अल्पकाल में विकास दर घटने को लेकर चिंतित हूं। नोटबंदी का नाकारत्मक असर हुआ है। लोगों को आगामी कुछ और महीनों तक इसके नकारात्मक असर को झेलना होगा।"
बासु ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक विकास दर में वृद्धि करने वाला साबित होगा।