योगी सरकार के खिलाफ कासगंज को लेकर विपक्ष हुआ लामबंद
कासगंज में भड़की हिंसा ने उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ा दी है।;
लखनऊ। कासगंज में भड़की हिंसा ने उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ा दी है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा),बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अौर कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने के लिये लामबंद हो गया है।
सपा और बसपा ने एक सुर में घटना के लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये सूबे में कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्वस्त करार दिया है । वहीं कांग्रेस ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
सपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कनक लता सिंह ने आज आरोप लगाया कि प्रदेश की योगी सरकार में कानून व्यवस्था बदतर होती जा रही है। देवरिया में सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के शासनकाल में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है जिसका उदाहरण हैं कि कासगंज में प्रशासनिक लापरवाही के कारण वहां दो-तीन दिन से उपद्रवी कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाकर उत्पात कर रहे हैं। घटना के बाद से वहां की जनता भय के वातावरण में जी रही है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद नाजुक है। प्रदेश में जंगलराज जैसा माहौल व्याप्त है। इसका ताज़ा उदाहरण कासगंज में गणतंत्र दिवस पर हुआ उपद्रव, हिंसा और दंगा है जिसमें कई लोग हताहत हुये तथा हिंसा का दौर अभी भी लगातार जारी है मगर राज्य सरकार यहाँ भी विफल साबित होती नज़र आ रही है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देश में हर जगह हिंसा और अपराध की अव्यवस्था कायम है, कोर्ट-कचहरी दोषियाें को सजा देने में खुद को अपंग महसूस कर रहे है क्योंकि सरकारी गवाहों को सरकारें सुरक्षा नहीं दे पा रही हैं । उनकी हत्यायें भी हो रही हैं।
सत्ताधारी भाजपा का अपराधीकरण एवं सरकार का भगवाकरण हो गया है। ऐसा लगता है कि आरएसएस का व्यापक राजनीतिकरण भी हो गया है, जिससे देशभर में एक विचित्र नकारात्मक स्थिति पैदा हो गयी है।