जीएसटी मामले में वकीलों के साथ कांग्रेस

 कांग्रेस ने आज से वकीलों को जीएसटी से बाहर करवाने की लड़ाई की शुरुआत करते हुए ऐलान किया है कि यदि मोदी सरकार ने वकीलों को जीएसटी के दायरे से बाहर नहीं निकाला तो हम इस लड़ाई को पूरे देश में लेकर जाएंगे;

Update: 2017-12-02 13:38 GMT

नई दिल्ली।  प्रदेश कांग्रेस ने आज से वकीलों को जीएसटी से बाहर करवाने की लड़ाई की शुरुआत करते हुए ऐलान किया है कि यदि मोदी सरकार ने वकीलों को जीएसटी के दायरे से जल्द बाहर नहीं निकाला तो हम इस लड़ाई को पूरे देश में लेकर जाएंगे।

अजय माकन ने कहा कि हम वकीलों को जीएसटी के दायरे से बाहर करवाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे। दिल्ली के वकीलों ने आज मोदी की केद्र सरकार द्वारा वकीलों को जीएसटी के दायरे में लाने के खिलाफ तथा दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा वकीलों के चैम्बरों और कार्यालयों पर बिजली के कमर्शियल बिल वसूलने के खिलाफ राजघाट पर सत्याग्रह किया।

राजघाट पर सत्याग्रह में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के अलावा दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, केसी मित्तल, ओम प्रकाश बिधूड़ी, साकेत जिला कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजपाल कसाना सहित कई वकील मौजूद थे। अजय माकन ने कहा कि जब दूसरे अन्य प्रोफेशनलस् जैसे कि डॉक्टरों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया गया है तो मोदी सरकार ने वकीलों के साथ भेदभाव करके उनको जीएसटी के दायरे में क्यों लाया गया है जबकि वकील भी वकालत के द्वारा समाज सेवा का काम करता है।

माकन ने कहा कि कांगेस ने दिल्ली मास्टर प्लान बनाते समय वकीलों को अपने घरों की बेसमेन्ट व घरों से ऑफिस चलाने की अनुमति दी थी तो वकीलों से कमर्शियल बिजली की दरे क्यों वसूली जा रही है।

इसी प्रकार वकीलों के ऑफिसों से सम्पति कर वसूला जा रहा है जो कि भेदभावपूर्ण व अन्याय है। माकन ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 2002 में तीस हजारी कोर्ट के चैम्बरों में बिजली के कनेक्शन दिए थे, परंतु उन पर अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा कमर्शियल दरों से बिजली के बिल वसूले जा रहे हैं।


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