चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस का कब्जा बरकरार
मध्यप्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने जीत दर्ज की है;
भोपाल। मध्यप्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के शंकर दयाल त्रिपाठी को 14,133 मतों से पराजित किया।
इस चुनाव में कांग्रेस की जीत से भाजपा को करारा झटका लगा है। क्योंकि उसने इस क्षेत्र में जीत के लिए पूरी ताकत झौंक दी थी। कांग्रेस प्रत्याशी को कुल 66,810 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी को कुल 52,677 मत प्राप्त हुए। यहां कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन के बाद 9 नवम्बर को यहां उपचुनाव कराया गया है।
सतना जिला मुख्यालय पर आज सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई और 19 चक्र में पूरी हुई। पांच चरणों की मतगणना में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी पर 10,057 मतों की बढ़त बना ली थी। 10वां चक्र पूरा होने तक यह बढ़त 17,959 हो गई। बाद में भाजपा उम्मीदवार त्रिपाठी को बढ़त मिली, लेकिन यह ज्यादा देर नहीं टिक सकी।
कांग्रेस प्रत्याशी को 14,133 के अंतर से विजय हासिल हुई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यहां कुल 1,26,903 वोट वैध पाए गए। मतगणना के दौर को देखा जाए, तो कई चक्र में कांग्रेस उम्मीदवार की बढ़त लगभग दो हजार बढ़ते रहे।
19 चक्रों में से सात चक्र में भाजपा के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई, तो शेष 12 चक्रों में कांग्रेस उम्मीदवार आगे रहा। इस उपचुनाव में नौ निर्दलियों सहित 12 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे थे।
सफल रणनीतिकार के रूप में उभरे अजय सिंह
पिछले 14 साल से सत्ता का वनवास झेल रही कांगे्रस को चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में विजय से एक नई संजीवनी मिली है। इससे नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विंध्य क्षेत्र की राजनीति में एक सफल रणनीतिकार के रूप में उभरे हैं, क्योंकि इस चुनाव का पूरा दारोमदार उन्हीं पर था। वैसे तो इस चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, वरिष्ठ नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने चुनाव अभियान के दौरान सभाएं कर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका अदा की। लेकिन इस चुनाव का पूरा दारोमदार अजय सिंह पर ही था।
इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में डेरा डाल दिया था। श्री सिंह ने चित्रकूट उपचुनाव की तैयारियां चार माह पूर्व ही शुरू कर दी थी। उन्होंने बूथ लेबल से लेकर हर गांव, पंचायत, ब्लाक तक कर्मठ कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी की थी। चौपाल बैठकों में उन्होंने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी सहित सभी संभावित प्रत्याशियों को सामूहिक रूप से ग्रामवार बैठकें करवाई। इससे मतदाता में एकजुटता का संदेश दिया। सिंह इस चुनाव की व्यूह रचना में खुद को पीछे रखकर स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं को आगे रखा और क्षेत्रवार चुनाव रणनीति बनाई। यही उन्होंने दलित, आदिवासी, ब्राहमण-ठाकुर का एक नया गठजोड़ बनाया जिससे पार्टी को जीत का लक्ष्य हासिल करने में आसानी हुई।
भाजपा के आक्रामक प्रचार अभियान के मुकाबले अजय सिंह ने लो प्रोफाईल की नीति अपनाई। वहीं मैहर चुनाव में सरकार की घोषणाओं और बाद में हुए इसके हश्र को उन्होंने चुनावी मुद्दा बनाया। उनकी यह संतुलित संगठनात्मक और प्रचारात्मक रणनीति जहां भाजपा की हार का सबब बनी। वहीं कांग्रेस की जीत ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच नए उत्साह का संचार हुआ है।
मतदाताओं ने झूठे वादों का जवाब दिया
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किए गए झूठे वादों का मतदाताओं ने जवाब दिया है।
सिंह ने रविवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि चित्रकूट विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी की जीत पार्टी कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत का परिणाम हैं। इस जनादेश से पूरे प्रदेश में कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बीते 13 वर्षो में चित्रकूट की जनता से न जाने कितने वादे किए, मगर एक भी पूरा नहीं किया। इस बात से वहां का मतदाता बेहद नाराज था। दूसरी बात कि वहां के लोग विधायक प्रेम सिंह को श्रद्धांजलि देना चाहते थे, इसलिए ज्यादातर मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई इस जीत ने पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अंदर नई ऊर्जा का संचार किया।