कांग्रेस और भाजपा दलित विरोधी: मायावती

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इन दोनों दलों की सरकार ने इस समुदाय के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया;

Update: 2019-05-11 18:03 GMT

भभुआ (बिहार)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इन दोनों दलों की सरकार ने इस समुदाय के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया।
मायावती ने सासाराम (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी मनोज राम के समर्थन में कैमूर जिले के भभुआ हवाईअड्डा मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलित विरोधी हैं।

इन दलों के नेताओं ने सत्ता में रह कर भी इस समुदाय के लोगों के विकास के लिए कुछ नहीं किया। इनसे दलितों और पिछड़ों के कल्याण की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस सरकार में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर श्रम और विधि मंत्री थे। जब उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की सिफारिश की तो देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इन्कार कर दिया था। इसके बाद बाबा साहेब ने भी सरकार से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों के बारे में इनकी घृणित सोच जगजाहिर है।\

मायावती ने कहा, “अपने समाज के विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों में सहभागिता सुनिश्चित करना अनिवार्य है। वर्ष 1984 में हमारे मात्र तीन सांसद थे, जिनमें से एक मैं भी थी।

हम विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार के साथ थे। उस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि थी कि उसने तमाम बंदिशों को ताक पर रखकर मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया।

हमें मालूम है कि ये शोषक वर्ग के लोग शोषितों, दलितों और पीड़ितों के प्रति कैसा व्यवहार करते रहे हैं। इसलिए, समय की पुकार है कि हम संगठित होकर अपने मताधिकार का सार्थक प्रयोग करें।”

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