10 के सिक्के को लेकर असमंजस की स्थिति

  नोटबंदी के दौरान जिन सिक्को  ने बाजार को चलाया अब इनको लेकर बाजार एवं ग्राहक असमंजस की स्थिति में आ गया है;

Update: 2017-11-18 12:50 GMT

रतनपुर।  नोटबंदी के दौरान जिन सिक्को ने बाजार को चलाया अब इनको लेकर बाजार एवं ग्राहक असमंजस की स्थिति में आ गया है धार्मिक नगरी रतनपुर में पिछले 6 माह से शहर के बाजार में 10 के सिक्कों को लेकर लेनदेन प्रभावित है।

महामाया की धार्मिक नगरी रतनपुर में नोटबंदी से पहले दस के सिक्कों को लेकर बाजार सामान्य था नोटबंदी के बाद दस के सिक्कों की संख्या में बाढ़ सी आ गई है उस दौरान 100 के नोट काफी कम मात्रा में आ रहे थे तब व्यापारियों ने अपना व्यापार चलाने के लिए 10 के सिक्कों  को भारी मात्रा में लेनदेन शुरू कर दिया था लेकिन अब ग्राहक से लेने में नकली एवं असली का चक्कर सामने आ रहा है व्यापारियों का कहना है कि नोटबंदी से पहले ऐसी स्थिति निर्मित नहीं थी।

अब सिक्कों की संख्या बाजार में अधिक होने की वजह से हो गई है सिक्के के नहीं चलने की अफवाह धीरे धीरे छोटे दुकानदारों एवं बडे व्यवसाइयों से लेकर आम लोगों को भी रोजी-रोटी चलाने में भी मुसीबत बन रही है लोग कमाई करने के बाद भी खर्च  कर पाने की स्थिति में नहीं है ।

महामाया चौक स्थित एक पान की दुकान पर जब नगर का मिडीया कर्मी पहुचा तो दुकानदार ने 10 की सिक्का लेने से मना कर दिया उसका कहना था की सिक्का बंद हो रहा है जिससे 10 के सिक्के को ना तो कोई व्यापारी ले रहा है और ना ही कोई ग्राहक इस वजह से मेरे पास पहले से ही ढेर सारे सिक्के रखे हैं मैं और कैसे ले लूं इन्ही सब बात को के कारण नगर में दस के सिक्कों को लेकर लोग असमंजस में है प्रशासन की ठोस कार्रवाई नही होने से आम आदमी आज बेहद परेशान है।

असली एवंम नकली सिक्को को लेकर भ्रम

नगर के बाजार में इन दिनों दस रुपये के दो प्रकार के सिक्के हैं। इनमें असली एवं नकली सिक्कों को लेकर भ्रम की स्थिति है। छोटे व्यापारी के साथ बड़े व्यापारी भी दस रुपये सिक्कों की पहचान सही से नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में व्यापारियों ने नुकसान से बचने के लिए सिक्कों को लेना ही बंद कर दिया है। दूसरी तरफ बैंक प्रबंधन भी व्यापारियों से पीछा छुड़ा रहे हैं।

अब ग्राहक वर्ग भी दस रुपये का सिक्का लेने से साफ इन्कार करता नजर आ रहा है।  बैंक प्रबंधन भी मनमानी कर रहा है। दस रुपये का सिक्का भारतीय मुद्रा है, उसके बावजूद वापस लौटाया जा रहा है। अब इन सिक्कों के लेकर छोटे-छोटे व्यापारियों एवं ग्राहकों के बीच बातचीत हो रही है।

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