सैनिकों के बीच टकराव, तीर्थयात्रियों को मानसरोवर की यात्रा करने से रोका

चीन ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के कारण भारतीय तीर्थयात्रियों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने से रोका गया था;

Update: 2017-06-27 17:39 GMT

बीजिंग।  चीन ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के कारण भारतीय तीर्थयात्रियों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने से रोका गया था। यह टकराव भारतीय सैनिकों के चीन की सीमा पार करने पर हुआ था। 

सिक्किम-भूटान-तिब्बत के मिलने वाले इलाके डोका ला में भारतीय व चीनी सैनिकों के टकराव की रिपोर्ट के बाद चीन की यह प्रतिक्रिया सामने आई।  चीन ने भारत से चीनी सीमा पार करने वाले सैनिकों को तुरंत वापस लेने की मांग की है। 

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हाल ही में भारतीय सीमा रक्षक बलों ने सीमा पार कर दोंगलांग क्षेत्र में तैनात चीनी सैनिकों की दैनिक गतिविधियों में बाधा डाली। चीन ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया जताई।" 

सोमवार शाम भारतीय मीडिया ने अपनी रिपोर्टो में बताया कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा पार की और यहां दो बंकर भी नष्ट कर दिए। इसके बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीन के इलाके में सड़क निर्माण में बाधा पहुंचाई। 

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "तिब्बती सीमा शुल्क पर 1890 की चीन-ब्रिटिश संधि द्वारा सिक्किम में चीन-भारतीय सीमा को चित्रित किया गया है। भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने कई बार इस बात की पुष्टि की है कि दोनों पक्षों के बीच इस सीमा पर कोई आपत्ति नहीं है।"

बयान के अनुसार, "चीनी पक्ष ने भारतीय पक्ष से सीमा संधि का सम्मान, चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान, सीमावर्ती अधिकारियों को तत्काल वापस लेने, इस मामले की विस्तृत जांच करने और चीन-भारतीय सीमा सिक्किम में शांति बनाए रखने का आग्रह किया।"

चीन ने कहा कि इन घटनाओं के कारण भारतीयों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने से रोकना पड़ा।  बयान के अनुसार, "इन सभी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा कारणों से चीनी पक्ष को भारत-चीन सीमा के सिक्किम दुआन नाई ला पास से होकर गुजरने वाले भारतीय आधिकारिक तीर्थयात्री समूह की यात्रा को रोकना पड़ा और राजनयिक चैनलों के माध्यम से भारतीय पक्ष को सूचित किया गया।"
 

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