अंतिम पड़ाव में भी तंग कमरों में रहने की मजबूरी

जिले के एकमात्र वृद्वाश्रम में जगह की कमी के कारण एक ही कमरे में 3-4 हितग्राही रहने को मजबूर है;

Update: 2017-11-17 13:21 GMT

बेमेतरा।  जिले के एकमात्र वृद्वाश्रम में जगह की कमी के कारण एक ही कमरे में 3-4 हितग्राही रहने को मजबूर है। शहर से लगे कंतेली के वृद्वाश्रम में रहने वाले बुजुर्गो की संख्या के हिसाब से भवन छोटा पड़ने लगा है, जिसे देखते हुए नए भवन की जरूरत महसूस की जा रही है।

बताना होगा कि जिला मुख्यालय से लगे कंतेली गांव मे सिंचाई विभाग के पुराने भवन में तीन वर्ष पहले अस्थाई तौर पर वृद्वाश्रम शुरू किया गया था। इसके पूर्व आश्रम को बीजाभाट के पुराने भवन में चलाया जा रहा था, जहां पर शिकायतों के चलते आश्रम को शिप्ट किया गया था। अस्थाई तौर पर बुजुर्गो के लिए व्यवस्था करने के बाद प्रशासन ने बीते तीन सालों से नए भवन बनाने की सुध नहीं ली है।

किसी वृद्व को नहीं मिलता पेंशन

शासन के समाज कल्याण विभाग के मातहत चलाए जाने वाले आश्रम में भी नौ बुजुर्ग रहते है, जिनमें से एक को छोड़कर अन्य किसी भी बुजुर्ग को शासन की ओर से एक रूपए की आर्थिक मदद नहीं की जाती। वही अधिकारियों का भी मानना है कि पंचायत की ओर से इन वृद्वों को पेंशन मिलनी चाहिए। वहीं नगर के समाज सेवकों की माने तो शासन की ओर से कुछ और राशि जारी कर मदद की जा सकती है। बहरहाल, आश्रम में रह रहे वक्त के मारे व अपनों द्वारा छोड़ दिए गए 9 बुजुर्ग को और सुविधा और पेंशन योजना का लाभ दिए जाने की जरूरत है।

बुजुर्गो से ज्यादा स्टाफ पर खर्च

शिवमंगल महिला समिति द्वारा संचालित आश्रम के लिए सालभर का फंड लगभग 4 लाख रूपए का है। बुजुर्गो के लिए 1200 रूपए के मान से प्रत्येक माह 12 हजार रूपए, दवाइयों के लिए 2 हजार, तेल साबुन पर 1 हजार रूपए, मनोरंजन पर 2500 और अन्य खर्च के लिए 3 हजार रूपए जारी किया जाता है। इस तरह से कुल 20 हजार खर्च होने का अनुमान है। वही आश्रम में कार्यरत एक प्रबंधक, एक रसोइया, सहायिका, एक चिकित्सक, माह मे विजिट करने वालो का खर्च, स्वीपर, चौकीदार, व सामाजिक कार्यकर्ता के नामपर 17 हजार अनुदान लिया जाता है। 

एक कमरे में 4 वृद्वाएं

बताना होगा कि भवन मे दो प्रसाधन है। सात कमरों मे एक किचन, एक आया कक्ष और एक बरामदा है। इसके अलावा तीन कमरों में दस बुजुर्ग रहते है, जिसमें दो में तीन व अन्य एक के चार वृद्वाएं रहती है। बुजुर्गो की संख्या को देखते हुए कमरोंा मे आना-जाना तक मुश्किल होता है। भवन मे बुजुर्गो की स्थिति को देखते हुए सहज ही स्थिति का अंदाजा लग जाता है।

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