कोयला घोटाला : गोंडवाना इस्पात के निदेशक को 4 साल की जेल

कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में यहां एक अदालत ने मंगलवार को गोंडवाना इस्पात लिमिटेड (जीआईएल) के निदेशक को 4 साल कैद की सजा सुनाई;

Update: 2018-05-02 01:30 GMT

नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में यहां एक अदालत ने मंगलवार को गोंडवाना इस्पात लिमिटेड (जीआईएल) के निदेशक को 4 साल कैद की सजा सुनाई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने इसके अलावा कंपनी पर 60 लाख रुपये का और कंपनी के निदेशक अशोक डागा पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। 

अदालत ने यह फैसला महाराष्ट्र के माजरा कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता के मामले में सुनाया है। यह ब्लॉक दोषी कंपनी को 2003 में आवंटित किया गया था। 

अशोक डागा को 27 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था, जब अदालत ने कंपनी और उसके निदेशक को कोयला ब्लॉक का आवंटन प्राप्त करने में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का दोषी माना था। 

अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा कि डागा ने 'लौह अयस्क के संबंध में समझौता करने के लिए ओडिशा सरकार के समक्ष अपनी वित्तीय तैयारी को लेकर झूठे दावे किए थे।'

सीबीआई ने दावा किया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि 2003 में कोयला ब्लॉक के आवंटन के बाद डागा ने कोयला मंत्रालय को वचन दिया था कि वह एक संयंत्र स्थापित करेगा और कोयले की खान विकसित करेगा। लेकिन, उसने कंपनी को एक नंद किशोर सरदा को बेच दिया और 2005 के अक्टूबर में भारी मुनाफा कमाया गया।

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