यमुना में निवेश को लेकर जमीन का रास्ता साफ
इंवेस्टर्स समिट से पहले यमुना एक्सप्रेस-वे शहर में निवेश को लेकर औद्योगिक व संस्थागत सेक्टर की जमीन पर कब्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है;
ग्रेटर नोएडा। इंवेस्टर्स समिट से पहले यमुना एक्सप्रेस-वे शहर में निवेश को लेकर औद्योगिक व संस्थागत सेक्टर की जमीन पर कब्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इन सेक्टरों की जमीन पर जिन किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी उन्होंने याचिका वापस ले ली है।
प्राधिकरण किसानों को अतिरिक्त मुआवजा बांटन के लिए सोमवार एचडीएफसी बैंक से 180 करोड़ लोन के लिए आवेदन किया है। प्राधिकरण किसानों को अतिरिक्त मुआवजा बांटने के साथ जमीन पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के औद्योगिक सेक्टर-32 व 33 की कुछ जमीन पर किसानों को कोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी, जिससे प्राधिकरण को जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था।
इसी तरह संस्थागत सेक्टर 22 ई में भी प्राधिकरण को जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। इन तीनों सेक्टर में पचकौरा, उस्मानपुर, मुरादगढ़ी, तिरथली, रौनीजा व निलौनी गांव की जमीन का प्राधिकरण ने अधिग्रहण किया था। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरूणवीर सिंह ने बताया कि इन गांवों के किसानों ने कोर्ट से याचिका वापस ले ली है और जमीन पर कब्जा देने के लिए सहमत हो गए है।
इससे प्राधिकरण को औद्योगिक व सेस्थागत सेक्टर के लिए पूरी तरह जमीन पर कब्जा मिल गया है। इन गांवों के किसानों को जल्द ही 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुआवजा देने के लिए प्राधिकरण ने 180 करोड़ रुपये लोन लेने के लिए एचडीएफ बैंक में आवेदन कर दिया है।
बैंक से लोन मिलते ही किसानों को मुआवजा बांट दिया जाएगा। मुआवजा बांटने के साथ ही जमीन पर कब्जा लेकर विकास कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सीईओ ने बताया कि सेक्टर 22 ई में प्राधिकरण को ढाई एकड़ जमीन पर कब्जा मिल जाएगा।
इस सेक्टर में जिन किसानों की जमीन आ रही है उन्हें 48 करोड़ 18 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा बांटा जाना है। निवेश को लेकर लखनऊ में 21 व 22 फरवरी को इंवेस्टर्स समिट होने जा रहा हे। जिसमें यमुना एक्सप्रेस-वे शहर में निवेश को लेकर सबसे ज्यादा रुचि दिखाई जा रही है।
टेक्सटाइल क्लस्टर विकसित करने को लेकर प्राधिकरण पहले सहमति दे चुका है। इसके अलावा कई अन्य बड़ी कंपनियों के साथ समिट में एएमयू साइन हो सकता है। ऐसे में जमीन पर कब्जा मिलने से प्राधिकरण के लिए निवेष को रास्ता और ही आसान हो गया है। निवेश करने वाली कंपनियों को जल्द ही जमीन पर कब्जा मिल जाएगा।