स्वच्छता है स्वस्थ भारत की नींव : जावेडकर
चार साल में साढ़े आठ या नौ करोड़ शौचालय स्कूलों में बने, शौचालय भी पहले भी बनते थे लेकिन इतनी द्रुत गति से नहीं बनते थे।;
नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर ने स्वच्छता को स्वस्थ भारत की नींव बताते हुए कहा है कि स्वच्छता अब इस कदर जनांदोलन बन गया है कि चार लाख छात्रों ने अब तक देश के विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया है।
जावेडकर ने आज यहां उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में स्वच्छता की 2018 की रैंकिंग जारी करते हुए यह बात की। उन्होंने कालेजों में स्वच्छता का पाठ्यक्रमों लागु करने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज से 100 साल पहले स्वच्छता का पाठ देशवासियों को पाठ्य था और आजादी की लड़ाई के दौरान हर राज्य में ऐसे स्वयंसेवी हुए जिन्होंने स्वच्छता का प्रचार किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी स्वच्छता का ऐसा प्रचार किया है और लोगों को इससे जोड़ा कि चार सालों में यह जन आन्दोलन बन गया है। स्वच्छता स्वस्थ भारत की नींव है और बिना स्वच्छता के कोई देश स्वस्थ देश नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि चार साल में साढ़े आठ या नौ करोड़ शौचालय स्कूलों में बने। शौचालय भी पहले भी बनते थे लेकिन इतनी द्रुत गति से नहीं बनते थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने छात्रों के लिए पंद्रह दिन का स्वच्छता इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया और चार लाख लोगों ने गरमीं इलाकों में जाकर प्रचार किया और लोगों को स्वच्छता के बारे में बताया। उन्होंने समारोह में स्वच्छता का एलेक्टिवे कोर्स लॉन्च करते हुए सुझाव दिया कि कालेजों में भी यह कोर्स लागु हो जिसमें सामुहित स्वच्छता, शहरी-ग्रामीण स्वच्छता के बारे में लोगों को पढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि गांधी जी भी शिक्षा को गांव से समाज से जोड़ना चाहते थे और यही काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करना चाहते हैं इसलिए हमने उन्नत भारत योजना शुरू की जिसमें छात्र गांव और समाज में जाएं और लोगों की समस्यायों को सुलझाएं। यह शिक्षा किताबों और क्लास रूम तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया अभियान की भी शुरुवात की और अब तक इसके साढ़े चार लाख डिजिटल कार्यकर्त्ता बने हैं जिन्होंने 50 लाख परिवारों को डिजिटल लेनदेन की जानकारी दी है।
समारोह में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह, शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धि भी शामिल थे।