नागरिकता विधेयक अन्नाद्रमुक के समर्थन से पारित हुआ : स्टालिन
अन्नाद्रमुक पर निशाना साधते हुए एम.के. स्टालिन ने कहा कि अगर तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी के 11 सदस्यों ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ वोट किया होता तो यह राज्यसभा में पारित नहीं होता;
चेन्नई। अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) पर निशाना साधते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने सोमवार को कहा कि अगर तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी के 11 सदस्यों ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ वोट किया होता तो यह राज्यसभा में पारित नहीं होता। स्टालिन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार के लिए इस विधेयक को लाने की कोई बहुत अर्जेसी नहीं थी। उन्होंने कहा कि इसे केंद्र सरकार के आर्थिक मोर्चे पर विफलता से ध्यान भटकाने के लिए लाया गया।
उन्होंने कहा कि जब विधेयक राज्यसभा में वोट के लिए आया तो इसके समर्थन में 125 वोट और इसके खिलाफ 105 वोट पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर अन्नाद्रमुक ने विधेयक के खिलाफ वोट किया होता तो केंद्र सरकार के 'धार्मिक आधार पर राष्ट्र के बांटने के विचार को' रोका जा सकता था।
स्टालिन के अनुसार, अगर अन्नाद्रमुक के 11 सदस्यों ने विधेयक के खिलाफ वोट किया होता तो राज्यसभा में इसके खिलाफ 116 वोट हो गए होते और इसके पक्ष में 114 वोट होते।
द्रमुक ने कानून के खिलाफ मंगलवार को राज्य में विरोध का आह्वान किया है।
इस बीच कमल हासन की एमएनएम पार्टी ने कहा है कि उसने संशोधित कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामला दायर किया है।