भाजपा काल में चर्च बने, मेरे पास लिस्ट है, ये षडय़ंत्र में सफल नहीं होंगे : भूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में धर्मांतरण भाजपा के काल में भी हुए;

Update: 2023-01-07 16:50 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में धर्मांतरण भाजपा के काल में भी हुए। उन्होंने मीडिया से चर्चा में दावा किया है कि भाजपा के वक्त में बने चर्च की पूरी सूची इनके पास है। ये सूची विधायकों को भी देंगे। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर धर्मांतरण के नाम पर माहौल खराब करने के आरोप लगाए हैं।

छेरछेरा कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री रायपुर के दूधाधारी मठ गए हुए थे। यहां मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा- धर्मांतरण का मुद्दा है, मेरे पास सूची है कि भाजपा के काल में कितने चर्च बने। भई धर्मांतरण हुआ तभी तो चर्च बने। इसकी सूची मैं सभी विधायकों को दे दूंगा। ये सब भाजपा के कार्यकाल में हुआ है।

भाजपा के लोग लड़ नहीं पा रहे हैंं तो धर्मांतरण और सामप्रदायिक्ता का मुद्दा लेकर आ गए हैं। इसमें इनकी मास्टरी है, मैं सपष्ट कर रहा हूं कि इनका कोई भी षडय़ंत्र है वो सफल नहीं होगा असफल ही होगा।

राम मंदिर कोर्ट के आदेश पर बन रहा है

भाजपा राम मंदिर बनवाने का दावा करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये राम मंदिर न्यायालय के आदेश पर बन रहा है। कोई भाजपा ने राम मंदिर नहीं बनाया। कोर्ट के आदेश पर ट्रस्ट बना संगठन बना सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर काम हुआ है। यहां राम वन गमन परिपथ के लिए हमको कोर्ट ने आदेश नहीं किया है, हम बनवा रहे हैं।

शिवरीनारायण में मंदिर बनाया जा रहा है चंदखुरी विशाल प्रतिमा भगवान राम की है। हम वोट के लिए नहीं कर रहे ये हमारा भगवान राम के प्रति आस्था है, ये भाजपा के लोग वोट के लिए करते हैं। हम भांचा के रूप में भगवान राम के रूप को पूजते हैं।

भाजपा सरकार में चर्च बने तभी धर्मांतरण हुआ

 भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा अब लड़ नहीं पा रही है. केवल धर्मांतरण और संप्रदायिकता दो ही मुद्दे की मास्टरी भाजपा को है। भाजपा का कोई भी षड्यंत्र सफल नहीं होगा। राज्यपाल के बस्तर दौरे पर जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के इस निर्णय से पूरे समाज में संतोष है, लेकिन आरक्षण बिल को लटकाए रखकर वे राजनीति कर रही हैं। ये बहुत दुर्भागजनक है। उन्होंने कहा कि बस्तर शांति प्रिय इलाका है। भारतीय जनता पार्टी उसमें जहर घोलने का काम कर रही है। राज्यपाल उसको प्रश्रय देने का काम कर रही है। राज्यपाल अपनी हठधर्मिता छोड़े।

 झारखंड व कर्नाटक में राज्यपाल ने अनुमोदित कर दिया, फिर यहां की जनता के साथ भेदभाव क्यों?

आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा अब तक हस्ताक्षर नहीं किए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए राजभवन के कार्यकलापों पर सवाल उठाया है  भूपेश ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए प्रश्न किया है कि झारखंड विधानसभा द्वारा आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से 77 किए जाने का अनुमोदन किया गया जिसे वहाँ के राज्यपाल द्वारा एटॉर्नी जनरल को उनके अभिमत हेतु भेजा गया। कर्नाटक सरकार द्वारा आरक्षण का प्रतिशत 50 से 56 किए जाने हेतु तैयार अध्यादेश का वहाँ के राज्यपाल द्वारा अनुमोदन कर दिया गया.।

छत्तीसगढ़ राज्य में जनभावनाओं के विपरीत विधानसभा द्वारा ‘सर्वसम्मति’ से पारित विधेयक को राज्यपाल  द्वारा यहाँ के भाजपा नेताओं के दबाव में अनावश्यक रोक कर असंवैधानिक प्रक्रिया के तहत प्रश्न पर प्रश्न किए जा रहे हैं। एक देश, एक संविधान तो राज्य की जनता के साथ भेदभाव क्यों?

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