चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर जेल में, संपत्ति बेचने दलाल तत्पर?
चिटफंड कंपनी के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई हथियाकर धोखाधड़ी करने वाले संचालक ने उन पैसों से जमीन खरीदी;
कोरबा। चिटफंड कंपनी के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई हथियाकर धोखाधड़ी करने वाले संचालक ने उन पैसों से जमीन खरीदी। अब वह राजधानी के जेल में निरुद्ध है तो उसकी गैर मौजूदगी में दलालों के जरिए कोरबा स्थित उसकी संपत्ति को बेचने की कोशिश की जा रही है।
शासन ने उसकी सभी चल-अचल संपत्तियों को जप्त कर लिया है, खाते भी सील हो गए हैं किंतु कुछ जमीन शासन की नजरों से बची हुई है जिसमें कोरबा की यह जमीन भी बताई जा रही है। टीपी नगर क्षेत्र में मुख्य मार्ग से लगी यह जमीन करोड़ों की है जिसे खरीदने वाले भी तैयार बैठे हैं और बेचने के लिए दलाल निगम से लेकर राजस्व दफ्तर तक हाथ-पांव मार रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा में वर्ष 2005-2006 में टीपी नगर पानी टंकी मार्ग के निकट अनमोल इंडिया के नाम से चिटफंड कंपनी प्रारंभ की गई। इस कंपनी का कारोबार कोरबा के अलावा जांजगीर-चांपा, अंबिकापुर, कांकेर सहित छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों में भी फैला था। काफी समय तक कारोबार कर लोगों को अपने एजेंटों के माध्यम से काफी कम समय में रुपए दोगुना करने का झांसा देकर लाखों रुपए निवेश कराए। इसके बाद लोगों को रुपए वापस नहीं मिले और कंपनी अपना बोरिया बिस्तर समेट कर फरार हो गई। जहां-जहां अनमोल इंडिया कंपनी से लोग ठगे गए, उन्होंने स्थानीय स्तर पर शिकायत दर्ज कराई ।
इसी कड़ी में कांकेर जिले में भी ठगी का शिकार हुए लोगों ने हाल ही में कथित मालिक/डायरेक्टर जावेद मेमन, कुमार मेमन, खालिद मेमन, नीलोफर मेमन तथा रोजिना मेमन के विरुद्ध कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की। बताया गया कि सन् 2008-09 में एजेंटों के माध्यम से अनमोल इंडिया कंपनी ने रुपए निवेश कराए किन्तु रूपए की वापसी नहीं हुई है। इस मामले में सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि संचालक जुनेद सकारिया जिसे जावेद मेमन के नाम से भी जाना जाता है, वह रायपुर के जेल में निरूद्ध है। शासन ने अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी के बैंक खातों से लेकर तमाम चल- अचल संपत्ति को सील कर जप्त कर लिया है तो दूसरी ओर कुछ संपत्तियां शासन की नजरों से बची रह गई हैं।
इन्हीं में शामिल है कोरबा के टीपी नगर मुख्य मार्ग से लगी वह जमीन जिसमें अनमोल इंडिया कंपनी का दफ्तर संचालित होता था। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उक्त जमीन जो कि एक निजी बैंक के पिछले हिस्से में लेकिन मुख्य मार्ग से लगी हुई है, उसकी बिक्री के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वास्तव में उक्त जमीन भी शासन द्वारा जप्त की जानी चाहिए लेकिन न जाने कैसे जमीन नजरों से ओझल रही।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले एक महिला इस बंद पड़े कार्यालय में पहुंची थी। उसने आसपास के लोगों से पूछने पर बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने आई है। उक्त भूमि और निर्मित भवन का मालिक जुनेद सकारिया उर्फ जावेद मेमन बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि लगभग करोडों़ की इस संपत्ति को बिकवाने के लिए कुछ जमीन दलाल काफी सक्रिय हैं और खरीदार भी।
बताया जा रहा है कि उक्त जमीन की लीज खत्म हो चुकी है जिसका नवीनीकरण कराने से लेकर जेल में बंद मालिक से पावर ऑफ अटार्नी तैयार कराने की तैयारी में लगे हुए हैं। यह भी ज्ञात हुआ है कि सरकारिया को जेल से पैरोल पर लाने की तैयारी हो रही है।
यहां यह बताना लाजमी है कि यदि जमीन दलाल अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं तो अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी के माध्यम से कोरबा और आसपास के क्षेत्रों के लोगों से जो रूपए निवेश करा कर उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाला गया है, उक्त संपत्ति बिकने से इनके साथ नाइंसाफी होगी। स्थानीय प्रशासन को तात्कालिक तौर पर संज्ञान लेकर उक्त जमीन के संबंध में की जा रही तमाम कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगानी चाहिए।