ओपीसी के कोयले में लगी आग मजदूरों के लिए जानलेवा

चिरमिरी ! कोयले में लगी आग को बुझाने के दौरान एक ठेका मजदूर सहित तीन श्रमिक आग की चपेट में आ गए, ठेका मजदूर और एक श्रमिक की गंभीर हालत को देख कर तत्काल उसे रेफर कर दिया गया;

Update: 2017-05-07 05:32 GMT

आग बुझाते 3 मजदूरों के झुलस जाने से प्रबंधन की नाकामी उजागर
चिरमिरी !   कोयले में लगी आग को बुझाने के दौरान एक ठेका मजदूर सहित तीन श्रमिक आग की चपेट में आ गए, ठेका मजदूर और एक श्रमिक की गंभीर हालत को देख कर तत्काल उसे रेफर कर दिया गया और एक श्रमिक का स्थानीय रीजनल अस्पताल में इलाज चल रहा है। रेफर किये गए दोनो की 80 प्रतिशत जलने से हालत नाजुक बनी हुई है। उक्त घटना चिरमिरी ओसीपी में हुई। इस पूरे मामले में एसईसीएल चिरमिरी की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। इन तीनो श्रमिकों की ड्यूटी आग बुझाने में लगाई गई थी।
उल्लेखनिय रहे कि एसईसीएल की चिरमिरी खुली खदान परियोजना में लगभग दो माह पूर्व से स्टॉरेज में आग लगी हुई है जिसका आज तक कोई सही उपाए नहीं हो सका है वही स्थानीय एसईसीएल एजेंसी इस आग को बुझाने में अपने सारे हथकंडे अपना चुकी है। लेकिन जिसमे उसे आज तक सफलता हासिल नहीं हुई और आये दिन एक बड़ी दुर्घटना घटित हो रही है। जिससे शहर सहित संपूर्ण एसईसीएल में हडक़ंप मचा हुआ है और एसईसीएल इसके रोकने के उपाए ढूंढऩे के बजाए श्रमिकों को मौत का इंतजार कर रही है। गुरुवार को मध्य रात्रि हुई घटना में आग की चपेट में आने से झुलसे ठेकेदारी मजदूर को उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए मध्य रात्रि में ही रीजनल हॉस्पिटल कुरासिया के उपस्थित चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार के पश्चात अपोलो बिलासपुर रीफर कर दिया गया जबकि डंफर आपरेटर श्रमिक अभिमन्यू को जवाहर लाल नेहरु हॉस्पिटल सेक्टर भिलाई( 9 ) में रिफर किया गया है। गुरुवार को उसके साथ काम करने वाले ठेका मजदूरों ने पुर घटना कर्म की जानकारी देते हुए बताया की घायल ठेका मजदूर रौशन टैंकर बुधवार की अर्ध रात्रि अपने निर्धारित कार्य अनुसार एसईसीएल के फायर फाईटिंग सिस्टम के तहत कोयला में लगी आग को पानी छिडक़ाव कर बुझाने का कार्य कर रहा था पानी छिडक़ाव के ही समय भारी मात्रा में आग युक्त राख स्लाईड होने के कारण जहां ठेका मजदूर रौशन उसकी चपेट में आ गया और उसका पूरा शरीर का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा जल गया घटना स्थल पर कुछ ही दुरी पर उपस्थित श्रमिकों द्वारा तत्काल उसको उठाकर उसे रीजनल हॉस्पिटल पहोचाने की व्यवस्था की, तभी घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर कोयला डंप कर खड़े डंफर आपरेटर अभिमन्यू को भी आग ने अपनी चपेट ले लिया जिसके दोनों हाथ बूरी तरह झुलस गया। वही चेहरा और गले में भी बुरी तरह झुलस गए दोनों श्रमिकों को बचाने के में लगे श्रमिक राजेंद्र तिवारी को भी आग ने नहीं छोड़ा जिससे उसके एक हाथ बुरी तरह जल गया। जिसकी जानकारी होने पर एसईसीएल के क्षेत्रीय पर्सनल मैनेजर एके द्विवेदी आ गए, श्रमिक अभिमन्यू को इलाज के लिए बर्न यूनिट हॉस्पिटल भिलाई सेक्टर 9 में रीफर किया गया और ठेका मजदुर रौशन को अपने निजी हॉस्पिटल अपोलो बिलासपुर रिफर किया गया और श्रमिक राजेंद्र तिवारी को जिसके हाथ का प्राथमिक उपचार कर रीजनल हॉस्पिटल कुरासिया में इलाज किया जा रहा है ।
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