छग : जंगली हाथियों की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखने से ग्रामीणों को मिली राहत
जशपुर वन मंडल अधिकारी पंकज राजपूत ने यूनीवार्ता को बताया कि लगभग 22 जंगली हाथियों के दो अलग अलग दल बगीचा के समीप झिकी गांव में विचरण कर रहे है;
पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर वन मंडल के जंगलों से लगे हुए किसानों के खेत खलिहानों में पक कर तैयार फसल से आकर्षित होकर आने वाले जंगली हाथियों की समय पूर्व ग्रामीणों को सूचना देने के लिए वन विभाग का अमला पूरी रात मुस्तैदी के साथ जंगल के आस पास गस्त कर रहे हैं।
वन कर्मियों की इस पहल से जन हानि रोकने के साथ खेतों में फसल का नुकसान व जंगली हाथियों का उत्पात की घटना में भी कमी आने से दर्जन भर गांव के सैकड़ों ग्रामीणों को राहत की सांस मिली है।
जशपुर वन मंडल अधिकारी पंकज राजपूत ने यूनीवार्ता को बताया कि लगभग 22 जंगली हाथियों के दो अलग अलग दल बगीचा के समीप झिकी गांव में विचरण कर रहे है।
रात के वक्त इन हाथियों की गतिविधियों पर निगाह रख कर आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। उन्होने बताया कि हाथियों के इस दल को जबरन खदेड़ने की मनाही की गई है। इससे आस पास के गांवों में पहुंच कर हाथियों का उत्पात भी नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि वन प्राणी और मानव का द्वंद रोक कर ही जनहानि को शुन्य किया जा सकता है। इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक कर उनसे सहयोग लिया जा रहा है। वन कर्मियों को रात्रि गस्त पर तैनात करने के बाद अच्छे परिणाम आए हैं।
उन्होंने बताया कि पड़ोस का सरगुजा जिले से पत्थलगांव के रास्ते से आकर हाथियों के 2 अलग अलग दल बगीचा क्षेत्र के गांवों में विचरण कर उसी रास्ते से वापस लौट जा रहा हैं। इन हाथियों का उत्पात से ग्रामीणों को बचाने के लिए वन अमला को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
बगीचा के जनपद उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से दर्जन भर जंगली हाथियों का दल झिकी गांव के समीप ही डेरा डाल कर बैठा है। दिन भर जंगल के समीप तालाब में जलक्रिडा करने के बाद हाथियों का दल रात होने से पहले ही कभी जंगल में तो कभी आस पास के खेतों की फसल चट करने लग जाता है।
इन हाथियों की गतिविधियों पर वन कर्मचारी दूर से निगाह रखने के साथ आस पास के ग्रामीणों को भी सतर्क कर रहे हैं। जंगली हाथियों को खदेड़ने के नाम पर लोगों की भीड़ उनके समीप नहीं पहुंचने से जनहानि की घटना में भी कमी आई है।