बसपा सरकार के चीनी मिल घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने की छापेमारी
वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश में तत्कालीन मायावती सरकार के कार्यकाल में हुये चीनी मिल घोटाले को लेकर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को लखनऊ और सहारनपुर में छापे मारे;
लखनऊ। वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश में तत्कालीन मायावती सरकार के कार्यकाल में हुये चीनी मिल घोटाले को लेकर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को लखनऊ और सहारनपुर में छापे मारे।
सीबीआई के अधिकारियों ने मायावती सरकार में प्रमुख सचिव रहे नेतराम और चीनी मिल निगम के महानिदेशक विनय प्रिय दुबे के आवास समेत लखनऊ में कई प्रतिष्ठानों और आवासीय परिसरों में एक साथ छापे डाले। इस दौरान सीबीआई को कई अहम दस्तावेज मिले है जिन्हे उसने कब्जे में ले लिया है। बसपा सरकार में कई अहम पदों पर रहे पूर्व आइएएस नेतराम के गोमती नगर और अलीगंज स्थित आवास पर सीबीआई ने छापा मारा । इसके अलावा पूर्व आइएएस विनय प्रिय दुबे के आवास पर भी छापेमारी की।
उधर,केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सहारनपुर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधान परिषद सदस्य एवं खनन कारोबारी इकबाल उर्फ बाल्ला और उनके भागीदार सौरभ मुकुंद के प्रतिष्ठानों और आवास में अलग अलग एक साथ छापेमारी की।
सुबह करीब दस बजे शुरू हुयी छापेमारी की यह कार्रवाई देर शाम तक जारी थी। विश्वस्त सूत्रों के पांच कारों में सवार सीबीआई के अधिकारी नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सौरभ मुकुंद के सदर बाजार साउथ सिटी स्थित आवास पहुंचे और जांच की कार्रवाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद थाना सदर बाजार पुलिस ऐहतियातन मौके पर पहुंची।
सौरभ मुकुंद के पिता मोहन लाल सहारनपुर के खनन कारोबारी, पूर्व एमएलसी इकबाल उर्फ बाल्ला फर्म के पार्टनर हैं। इन लोगों पर वर्ष 2010-2011 में कौड़ियों के दाम चीनी मिल खरीदने का आरोप है। सीबीआई अब इस मामले की जांच कर रही है। उत्तर प्रदेश चीनी मिल निगम की ओर से मायावती राज में सस्ते दामों पर बेची गई 11 चीनी मिलों के संबंध में एफआईआर लखनऊ के गोमती नगर थाने मे दर्ज कराई थी। केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस मामले में जांच और कार्रवाई की संस्तुति सीबीआई से की थी।
सूत्रों के मुताबिक चीनी मिल के खरीददारों में इकबाल बाल्ला के दो बेटे शावेद और वाजिद के भी नाम हैं और उनके कर्मचारी नसीम का भी नाम है। नसीम और बाल्ला के दोनों बेटों के यहां भी सीबीआई की टीम जांच के लिए पहुंची।
इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई एक स्वतंत्र जांच एजेंसी हैं। इसलिए उनके लिए सहारनपुर पुलिस प्रशासन को सूचना देना आवश्यक नहीं था। स्थानीय पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने की हालत में ही मौके पर जा सकता है। श्री अग्रवाल खुद सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर कोलकत्ता में रह चुके हैं।
डीआईजी की तरह जिलाधिकारी आलोक पांडे ने भी सहारनपुर में हुई आज सीबीआई की छापेमारी के बारे में कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया कि हमारा इससे कोई संबंध नहीं है।