कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वीकार किया राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा
रेत खदान आवंटन को लेकर विवादों में घिरे पंजाब के ऊर्जा एवं सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है;
चंडीगढ़। रेत खदान आवंटन को लेकर विवादों में घिरे पंजाब के ऊर्जा एवं सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
कैप्टन सिंह ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से आज मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में श्री राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा स्वीकार किये जाने की घोषणा की।
उन्हाेंने बताया कि बैठक में गांधी से मंत्री के इस्तीफे पर चर्चा हुई तथा इसे स्वीकार करने का फैसला लिया गया। उधर, चंडीगढ़ में भी मुख्यमंत्री के निकटस्थ सूत्रों ने बातचीत में मुख्यमंत्री द्वारा राणा गुरजीत का इस्तीफा स्वीकार किये जाने की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि इससे पहले मुख्यमंत्री की पार्टी अध्यक्ष के साथ दिल्ली में हुई बैठक में पर इस मुद्दे पर चर्चा हुई तथा जिसमें इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला लिया गया।
उल्लेखनीय है कि श्री राणा गुरजीत सिंह ने गत माह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की पेशकश की थी और उन्हें इस्तीफा सौंप दिया था।
उल्लेखनीय है कि राणा गुरजीत रेत खदानों की नीलामी में अपनी की कम्पनियों को ठेकों के आवंटन को लेकर जहां लगातार सुर्खियों में बने हुये थे वहीं विपक्ष के भी निशाने पर थे। इससे सरकार की छवि पर भी असर हो रहा था।
उनके पुत्र राणा इंदर प्रताप सिंह को भी उनकी पारिवारिक कम्पनी राणा शूगर्स लिमिटेड द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन किये जाने को लेकर हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने नोटिस जारी किया है। ईडी ने कल इंदर प्रताप सिंह से लगभग छह घंटे तक पूछताछ भी की थी।
उपरोक्त परिस्थितयों में सरकार को फजीहत से बचाने के लिये राणा गुरजीत सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा देने का विकल्प चुना।