बौद्ध धर्म वैश्वीकरण का आधार: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बौद्ध धर्म को वैश्वीकरण के आरंभिक स्वरूप का आधार बताते हुये आज कहा कि बौद्ध स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढाँचों में सुधार की जरूरत है;

Update: 2018-08-23 16:44 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बौद्ध धर्म को वैश्वीकरण के आरंभिक स्वरूप का आधार बताते हुये आज कहा कि बौद्ध स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढाँचों में सुधार की जरूरत है। 

I would like to acknowledge the participation of Japan as a partner country in this Conclave. India and Japan have much in common, but there are few links we treasure as much as our shared Buddhist heritage #PresidentKovind

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 23, 2018


 

राष्ट्रपति कोविंद ने यहाँ छठे अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर कहा “बौद्ध धर्म की भारत से एशियाई देशों की यात्रा और उसके जरिये बने अंतरमहादेशीय संबंधों ने आध्यात्म के साथ ही भारतीय ज्ञान और अनुभव को भी दूसरे देशों तक पहुँचाया। बौद्ध संन्यासी और विद्वान अपने साथ कला और शिल्प, ध्यान की तकनीक और मर्शल आर्ट्स आदि भी साथ लेकर गये। उनके द्वारा खोजे गये रास्ते व्यापार के आरंभिक मार्ग बने। इस तरह बौद्ध धर्म शुरुआती वैश्वीकरण और हमारे महादेश में आंतरिक संपर्क का आधार बना।”

Buddhism has been among India’s greatest spiritual traditions. Many great locations associated with the life and teachings of Lord Buddha are found in India  #PresidentKovind

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 23, 2018


 

Buddhism has been among India’s greatest spiritual traditions. Many great locations associated with the life and teachings of Lord Buddha are found in India  #PresidentKovind

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 23, 2018


 

उन्होंने कहा कि देश को अपनी मजबूतियों का लाभ उठाना चाहिये, लेकिन साथ ही चुनौतियों का मुकाबला भी करना चाहिये। इसमें बौद्ध सर्किटों के इतिहास और उनसे जुड़ी गाथाओं के संबंध में सीमित अनुसंधान, सीमित व्याख्या, अपर्याप्त प्रदर्शन और प्रचार-प्रसार शामिल हैं। पिछले कुछ समय में इन क्षेत्रों में हवाई संपर्क बढ़ा है, लेकिन सड़क एवं रेल मार्ग के जरिये अंतिम छोर तक परिवहन सुविधा में अब भी काफी कमियाँ हैं। प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को लेकर भी गहरी चिंताएँ हैं। 

The practice of cultural and religious travel and tourism is not new to India. It goes back thousands of years and in fact visits from Buddhist pilgrims, monks and scholars from other countries and civilisations have been a proud feature of our history #PresidentKovind

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 23, 2018


 

राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि महात्मा बुद्ध की दूरदर्शिता तथा समस्याओं के समाधान में उनकी कुशलता से प्ररेणा लेते हुये सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रतिनिधि धरोहर पर्यटन के प्रयासों को नयी राह पर ले जायेंगे। 

इस सम्मेलन में 30 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। जापान इसमें साझीदार देश है। सम्मेलन के तहत अगले तीन दिन में महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। 

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