बीएसपी का मिशन पंजाब तैयार
पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं...चुनाव को जीतने के लिए हर दल जोर लगा रहा है, जहां कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है...तो वहीं हाथी भी रफ्तार पकड़ने को तैयार है...मायावती ने अब बीजेपी से अलग हुए अकाली दल का हाथ थाम लिया है...और अब तो दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया.;
देश में अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिसमें सबसे खास उत्तर प्रदेश और पंजाब का चुनाव है...लेकिन जहां उत्तर प्रदेश में बीएसपी गठबंधन से परहेज कर रही है, तो वहीं पंजाब में वो अकाली दल का हाथ थाम कर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है... करीब ढाई दशक बाद शिरोमणि अकाली दल और बीएसपी एक बार फिर मिलकर चुनाव लड़ेंगे...यहां तक कि दोनों दलों के बीच सीटों पर सहमति भी बन चुकी है...117 सीटों वाली विधानसभा में 97 पर अकाली दल और 20 सीटों पर बीएसपी चुनाव लड़ेगी,,,वहीं गठबंधन को लेकर बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है गठबंधन को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लाना...सत्ता में भागीदारी का क्या स्वरूप होगा, ये मायावती तय करेंगी...हमारा काम दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच गठबंधन को सत्ता में लाने का जुनून पैदा करना है...उन्होंने कहा कि पंजाब में अकाली दल और बीएसपी गठबंधन टेस्टेड है... वोट ट्रांसफर होने को लेकर दोनों ही दलों के मन में कोई संदेह नहीं है... 1996 के लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर हुआ, तभी तो हम 13 में से 11 सीटें जीतने में कामयाब रहे,,,दोनों ही पार्टियां कैडर बेस्ड हैं...अब बीएसपी तो अकाली के साथ सत्ता में आने का दम भर रही है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या वाकई दोनों पार्टियां 25 साल पुराना इतिहास दोहरा पाएंगी...इन सवालों के बीच अगर इतिहास पर गौर करें तो, 1996 के लोकसभा चुनाव के लिए अकाली दल ने हाथी के साथ गठबंधन किया... तब गठबंधन ने राज्य की 13 में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की...लेकिन बाद में अकाली और हाथी का साथ छूट गया...और शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी के साथ दोस्ती कर ली...25 साल तक राज्य में दोनों की दोस्ती बरकरार रही, लेकिन अब किसानों के मुद्दे पर दोनों दल अलग हो गए,,,इसलिए एक बार फिर अकाली और मायावती साथ आ गए हैं...अब देखना होगा कि ये गठबंधन क्या कमाल कर पाता है...लेकिन एक बात तो तय है, ये दोस्ती बीजेपी का दम जरूर निकाल सकती है...क्योंकि पंजाब में अकेले दम पर बीजेपी का कोई वजूद नहीं है,,