बी.एस.येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
कर्नाटक में भाजपा विधायक दल के नेता बी.एस.येदियुरप्पा ने गुरुवार को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।;
नई दिल्ली। कर्नाटक में भाजपा विधायक दल के नेता बी.एस.येदियुरप्पा ने गुरुवार को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने सुबह नौ बजे राजभवन में कड़ी सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच येदियुरप्पा को शपथ दिलाई।
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Bengaluru: BJP's BS Yeddyurappa shows the victory sign after being sworn-in as Chief Minister of Karnataka. pic.twitter.com/UMM10wQKbY
येदियुरप्पा (75) ने भाजपा के केंद्रीय और राज्य के नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों के बीच कन्नड़ भाषा में शपथ ली।
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इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
गाैरतलब है कि येद्दियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए कल राज्यपाल वजूभाई वाला ने आमंत्रित किया था जिसके खिलाफ कांग्रेस और जनता दल(सेक्युलर) जद(एस) ने रात उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने रात सवा दो बजे से सुबह साढ़े पांच बजे तक चली सुनवाई के बाद कहा कि वह राज्यपाल के आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं है, इसलिए श्री येद्दियुरप्पा के शपथ-ग्रहण समारोह पर रोक नहीं लगायेगी।
न्यायालय ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि उनका मुख्यमंत्री पद पर बने रहना इस मामले के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार साढ़े 10 बजे का समय निर्धारित किया, साथ ही भाजपा को नोटिस जारी करके उन दो पत्रों की प्रति अदालत के समक्ष जमा कराने को कहा है, जो उसकी ओर से राज्यपाल को भेजे गये थे।
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 222 सीटों पर चुनाव हुए थे। जयनगर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार का निधन हो जाने तथा राजराजेश्वरी नगर निर्वाचन क्षेत्र में भारी संख्या में मतदाता पहचान पत्र बरामद किये जाने के कारण चुनाव रद्द कर दिया गया। इन दोनों सीटों के लिए अब 28 मई को मतदान होगा।
इन चुनावों में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जनता दल (एस) को 37, बहुजन समाज पार्टी को एक और निर्दलीय को दो सीटों पर विजय हासिल हुई । भाजपा सबसे अधिक सीटें जीत कर सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में सामने आयी लेकिन कांग्रेस और जनता दल (एस) ने हाथ मिलाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने सबसे बड़ी एकल पार्टी के तौर पर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और उन्हेंं बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।