किसी विचारधारा पर आधारित नहीं होनी चाहिएं किताबें: सिसोदिया

नेशनल सेंटर फॉर एजुकेश्नल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने सभी राज्य सरकारों से सभी किताबों की समीक्षा के लिए जहां राय मांगी है;

Update: 2017-06-28 03:01 GMT

नई दिल्ली। नेशनल सेंटर फॉर एजुकेश्नल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने सभी राज्य सरकारों से सभी किताबों की समीक्षा के लिए जहां राय मांगी है तो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में कहा है कि किताबें किसी भी लेफ्ट अथवा राइट विचारधारा से पे्ररित नहीं होनी चाहिए।उन्होंने किताबों को बच्चों की आवश्यकता के अनुसार बनाया जाना चाहिए।

श्री सिसोदिया ने कहा कि शिक्षकों से मिली सूचना व जानकारी के आधार पर सभी विषय पर अपनी समीक्षा के पहलुओं को भी शामिल किया जाए।उन्होंने कहा कि इससे पूर्व की सरकारों ने शिक्षा को अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने का माध्यम बनाया है इसलिए जरूरी है कि बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा किसी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित न होकर मूलभूत आवश्यकताओं, ज्ञान के आधार पर बनाई जाएं।

उन्होंने शिक्षण में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि किताबों का मूल उद्देश्य लर्निंग को सुधार कर बेहतर परिणाम होने चाहिए। किताबें बच्चों के जीवन अनुभव, जिज्ञासा और ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के शिक्षकों ने विशेष सामग्री के तौर पर कक्षा छठी व आठवीं के लिए प्रगति नाम की किताब को डिजाइन किया है जो कि किताबों से इतर विशेष ज्ञान पर केंद्रित है।

उपमुख्यमंत्री ने काउंसिल की बैठक में प्रगति का वितरण भी किया।

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