अफगानिस्तान के सैन्य अस्पताल पर आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली

 अफगानिस्तान के एक सैन्य अस्पताल में बुधवार को हुए तीन विस्फोटों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य घायल हो गए। विस्फोट सुबह नौ बजे वजीर अकबर खान इलाके में सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में हुआ;

Update: 2017-03-09 14:02 GMT

काबुल ।  अफगानिस्तान के एक सैन्य अस्पताल में बुधवार को हुए तीन विस्फोटों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य घायल हो गए। विस्फोट सुबह नौ बजे वजीर अकबर खान इलाके में सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में हुआ, जहां कई सरकारी एजेंसियां और दूतावास मौजूद हैं। इस धमाके के बाद एक और धमाका हुआ।तीसरा धमाका सुबह करीब 10.45 बजे उस समय हुआ जब सेना के हैलीकॉप्टर इमारत के ऊपर से गुजर रहे थे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, हमले में कम से कम पांच आत्मघाती हमलावर शामिल थे।

एक चिकित्सक ने टोलो न्यूज को बताया, "मैंने एक आत्मघाती हमलावर को देखा था, जिसने डॉक्टर की यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। उसने गोलीबारी शुरू कर दी। मैं इलाके से बच निकलने में कामयाब रहा।"खामा प्रेस के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माहिल कावोसी ने बताया कि घायलों को वजीर अकबर खान अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।एक सुरक्षा सूत्र ने कहा कि अफगान आपदा प्रतिक्रिया इकाई (सीआरयू) बल अब भी घटनास्थल पर मौजूद है और हमलावरों के साथ अभियान जारी है।इसी बीच, नाटो के नेतृत्व वाले रेजोल्यूट सपोर्ट गठबंधन बलों ने कहा कि वे 'अफगान सुरक्षा सेवाओं के सहयोग के लिए खड़े हैं।'अमेरिकी दूतावास के पास कूटनीतिक क्षेत्र में स्थित 400 बिस्तरों वाला यह देश का सबसे बड़ा अस्पताल है।अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

अफगानिस्तान के काबुल के सैन्य अस्पताल में हुए घातक आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, बुधवार सुबह सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में हुए चार आत्मघाती विस्फोटों में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हो गए थे।

राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने इस घातक हमले की निंदा की और इसे कायराना कृत्य करार दिया। गनी ने कहा कि अफगान सरकार आतंकवादियों से किसी तरह की वार्ता नहीं करेगी। राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान के मुताबिक, "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के मुताबिक, अस्पतालों को हमलों से दूर रखा गया है लेकिन बुधवार को अस्पताल पर हुए हमले से पता चलता है कि आतंकवादी किसी तरह के नियम एवं कानूनों को नहीं मानते।"रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मृतकों में चिकित्सक, मरीज और अस्पताल के कर्मचारी शामिल हैं।

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