ब्लैक फंगस बना तीन जिलों के लिए चुनौती 

प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस  म्यूकर माइकोसिस  के 413 से अधिक मामले सामने आए हैं;

Update: 2021-08-21 09:58 GMT

रायपुर। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस  म्यूकर माइकोसिस  के 413 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसमें तीन जिलों में ब्लैक फंगस के सर्वाधिक मरीजों की पहचान की गई है। दुर्ग में जनवरी से अब तक 100 से अधिक मरीज सामने आए हैं। यह जिला ब्लैक फंगस के मामले में सबसे आगे है। वही  राजधानी में अब तक ब्लैक फंगस के 76 मामले मिले हैं। इसके बाद 50 से अधिक मामलों के साथ बिलासपुर तीसरे स्थान पर है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक  ब्लैक फंगस के 413 मरीजों में 263 को छुट्टी मिल चुकी है। इसमें 36 मरीजों की आंखें प्रभावित हुई है जबकि 75 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

ब्लैक फंगस से अब तक राज्य में 44 मरीजों की मौत हुई है। जबकि ब्लैक फंगस के 23 मरीज ऐसे थेए जिनकी मौत की वजह दूसरी बीमारियां थीं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 266 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पहले की तुलना में अब ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या कम आ रही है। 

ब्लैक फंगस के लक्षण 

चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि आंख  नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, जबड़े की हड्डी में दर्द होना,चेहरे में एक तरफ सूजन होना,नाक, तालु काले रंग का होना, दांतों का ढीला होना,दांत में दर्द,धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना,त्वचा में चकते आना,छाती में दर्द, नाक का बंद होनाए नाक से काला या लाल तरल द्रव्य निकलना  बुखार आना सांस की तकलीफ होना खून की उल्टी  मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे लक्षण ब्लैक फंगस के होते हैं। 

वर्जन

ब्लैक फंगस के मरीज पहले की तुलना में कम मिल रहे हैं। कोरोना से स्वस्थ हुए बीपी शुगर के मरीजों को ज्यादा सावधानी की जरूरत है। लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराना बेहतर होगा।

- डॉक्टर सुभाष मिश्रा, संचालक महामारी नियंत्रक

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