भाजपा चाहती है राज्य में विकास के हित में राज्यपाल शासन लागू रहे : राम माधव 

भाजपा महासचिव राम माधव ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के असंतुष्ट विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इंकार कर दिया;

Update: 2018-07-07 17:47 GMT

श्रीनगर । भाजपा महासचिव राम माधव ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के असंतुष्ट विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इंकार कर दिया।

माधव ने ट्वीट किया, "हम राज्य में शांति, सुशासन और विकास के हित में राज्यपाल शासन लागू रहने देने के पक्ष में हैं।"

माधव का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा और इसके सहयोगी, पूर्व अलगाववादी सज्जाद लोन का पीपुल्स कांफ्रेंस पीडीपी में एक राजनीतिक नियंत्रण स्थापित कर इसके बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

पीडीपी के कम से कम पांच विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बयान दिया था।

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट कर माधव से उन रपटों के बारे में पूछा, जिसमें भाजपा की राज्य इकाई ने यह स्वीकार किया है कि उसने पार्टी के तौर पर पीडीपी को तोड़ने का प्रयास किया।

अब्दुल्ला ने माधव और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना मार्गदर्शक दर्शन प्रतीत होता है।"

इसके जवाब में माधन ने लिखा, यह 'सही नहीं' है।

उन्होंने कहा, "मैं निश्चित ही राज्य इकाई से चर्चा करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि भाजपा घाटी की अन्य पार्टियों में जो कुछ भी हो रहा है, उससे खुद को दूर रखे।"

Not true. I will certainly check with d state unit n ensure that BJP keeps itself scrupulously out of whatever is happening in other parties in d Valley. We are for continuing with Governor’s rule in d interest of peace, governance n development in d state https://t.co/YnV3uyOn0n

— Ram Madhav (@rammadhavbjp) July 7, 2018


 

87 सदस्यीय जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में सत्ता हासिल करने के लिए जरूरी सदस्यों के जादुई आंकड़े किसी भी पार्टी के पास नहीं हैं।

सदन में, पीडीपी के पास 28 विधायक हैं, भाजपा के पास 25 विधायक हैं और इसे पीपुल्स कांफ्रेंस के दो विधायकों और लद्दाख के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है।

यहां सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के पास 44 विधायकों का समर्थन जरूरी है।

राज्य का दल-बदल निरोधक कानून अन्य जगहों की तुलना में काफी कठोर है। बिना अयोग्य ठहराए दूसरी पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों की संख्या सदन में पार्टी की कुल संख्या की दो-तिहाई होनी चाहिए।

ऐसी स्थिति में, अयोग्यता से बचने के लिए पीडीपी के कम से कम 18 विधायकों को एकसाथ पार्टी छोड़नी होगी।

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