भाजपा के सुशील मोदी ने राजद से पूछे सवाल, क्या इस्लाम, ईसाई धर्म प्रचारकों के खिलाफ बयान दे सकते हैं

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संत धीरेंद्र शास्त्री और ब्राह्मणों पर टिप्पणी करने से पहले राजद को बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद और प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए;

Update: 2023-05-02 21:58 GMT

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संत धीरेंद्र शास्त्री और ब्राह्मणों पर टिप्पणी करने से पहले राजद को बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद और प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजद के मंत्रियों-पदाधिकारियों में यदि हिम्मत है, तो वे इस्लाम और ईसाई पंथ के प्रचारकों पर भी टिप्पणी करें।

मोदी ने सवाल करते हुए कहा कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने जब राम मंदिर को 'नफरत की जमीन पर बनने वाला' धर्मस्थल कहा, तब क्या वह करोड़ों राम भक्तों के लिए द्वेष और नफरत पैदा करने वाला बयान नहीं था।

उन्होंने कहा कि सत्ता में लौटते ही राजद एक तरफ हिंदू संस्कृति, राम मंदिर, रामचरित मानस, धीरेंद्र शास्त्री जैसे संतों और ब्राह्मणों पर अमर्यादित टिप्पणी कर रहा है, तो दूसरी तरफ एम-वाई समीकरण के दुर्दांत अपराधियों तक को जेल से रिहा करवा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन के एक एमएलसी ने पूरे देश को कर्बला (युद्ध भूमि) बना देने की धमकी दी, तब क्या यह नफरती बयान नहीं था? राजद ने उस बयान की निंदा करने का भी साहस नहीं दिखाया।

उन्होंने कहा कि जब भ्रष्टाचार के कारण राजद सत्ता से बाहर होती है, तब इन्हें हवन-पूजन, मंदिर, काशी-वृन्दावन और ब्राह्मणों की याद आती है, लेकिन सत्ता मिलते ही ये लोग अहंकार में आकर ब्राह्मणों को विदेशी बताने लगते हैं।

मोदी ने कहा कि यदि राजद ' ए टू जेड ' की पार्टी है, तो हाल में जिन पदाधिकारियों की घोषणा हुई, उनमें एक भी ब्राह्मण क्यों नहीं है।

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