चुनाव में भाजपा ने खर्च किए सबसे ज्यादा रुपए

लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने एक उम्मीदवार के लिए 70 लाख रुपए तक खर्च करने की अधिकतम सीमा तय की है। चुनाव आयोग को उम्मीदवारों द्वारा जो खर्चे का रिकॉर्ड दिया जाता है;

Update: 2019-06-06 06:29 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने एक उम्मीदवार के लिए 70 लाख रुपए तक खर्च करने की अधिकतम सीमा तय की है। चुनाव आयोग को उम्मीदवारों द्वारा जो खर्चे का रिकॉर्ड दिया जाता है। वो हमेशा इसके अंदर ही होता है।

लेकिन हर चुनावों में उम्मीदवार के खर्च पर सवाल उठते रहे है। एक रिन्पोर्ट में बताया गया है कि 2019 के आम चुनावों में 60 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए प्रचार के काम में खर्च हुआ।  जो दुनिया केे किसी भी चुनाव में खर्च हुआ सबसे ज्यादा धन था। वहीं सत्ताधारी बीजेपी को लेकर भी ये कहा जा रहा है कि बीजेपी खर्च के मामले में अन्य दलों से काफी आगे रही है।

लोकसभा चुनाव के खर्चे को लेकर जब से सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव प्रचार अभियान में बीजेपी ही छाई रही। और ये चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव था। रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए पैसा पानी की तरह बहाया। लोकसभा चुनावों में  पार्टियों की तरफ से कुल 60000 खर्च हुए हैं। इस खर्च में 45 प्रतिशत का योगदान अकेले बीजेपी का था। इस तरह बीजेपी ने प्रचार अभियान में करीब 27000 करोड़ रुपए खर्च किए।  

1998 के आम चुनावों के दौरान तो प्रचार में हुए कुल खर्च का 20 प्रतिशत हिस्सा बीजेपी का था और 2019 आते-आते लगभग आधा हो गया। 2009 में कुल खर्चे का करीब 40 प्रतिशत खर्च करने वाली कांग्रेस इस बार 15 से 20 प्रतिशत के बीच आकर अटक गई है। इस बार चुनाव प्रचार अभियान में सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल किया गया। लेकिन सोशल मीडिया के इस्तेमाल में भी बीजेपी विपक्ष पर भारी पड़ी। सोशल मीडिया में भी बीजेपी को 70 प्रतिशत से ज्यादा स्थान मिला। जबकि कांग्रेस यहां भी दूसरे स्थान पर रही। कांग्रसे को दस प्रतिशत के करीब स्थान मिल पाया।

हम आपको बता दें आम चुनाव के लिए प्रचार शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने भाजपा के प्रचार अभियान को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। विपक्ष ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि भाजपा ने देश में उपलब्ध अधिकांश हेलीकॉप्टर पूरे चुनाव के लिए बुक करा लिए हैं। जिससे विपक्षी दलों को प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर ही नहीं मिल पा रहे हैं। 

Full View

Tags:    

Similar News