एमसीडी पर रिपोर्ट कार्ड जारी करे भाजपा : सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने कामों का लेखाजाेखा नहीं प्रस्तुत कर सकती क्योंकि इसने पिछले 12 वर्षाें के दौरान कुछ भी नहीं किया;

Update: 2019-12-29 01:38 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) के 12 वर्षाें के कार्यकाल पर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट कार्ड जारी करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देते हुए कहा कि यदि भगवा पार्टी ऐसा करने में विफल रहती है तो आम आदमी पार्टी (आप) एक सप्ताह के भीतर इसपर रिपोर्ट जारी करेगी।

श्री सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने कामों का लेखाजाेखा नहीं प्रस्तुत कर सकती क्योंकि इसने पिछले 12 वर्षाें के दौरान कुछ भी नहीं किया। यदि फिर भी पार्टी रिपोर्ट के साथ सामने आती है तो इसमें केवल पार्टी की ओर से किये गये भ्रष्टाचार और रंगदारी के मामले ही उजागर होंगे।

आप के वरिष्ठ नेता ने कहा,“केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा हताशा में है क्योंकि इसबार उसे लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और ना ही ऐसा कोई भरोसेमंद चेहरा है जिसे वे अपना नेता के तौर पर पेश कर सकें। उन्होंने दिल्ली के लिए कुछ भी नहीं किया इसलिए वे लोगों को वोट देने की अपील तक नहीं कर पा रहे हैं।”

गौरतलब है कि भाजपा ने आप सरकार के रिपोर्ट कार्ड के बदले में शनिवार को ‘आरोप पत्र’ जारी किया जिसमें अरविंद केजरीवाल की सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल को असफल, झूठा और विश्वासघात की सरकार करार दिया। भाजपा का आरोप है कि आप ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने में नाकाम रही है ।

श्री सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के कामकाज की भाजपा की ओर से की गयी आलोचना का स्वागत करते हुए कहा कि आप हमेशा से रचनात्मक विश्लेेषणों के लिए खुला है। उन्होंने कहा,“आप ने पिछले पांच वर्षों में लगातार काम किया है। हम उनके द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर जाएंगे और उन पर काम करेंगे। हमें उम्मीद है कि भाजपा हमारे आगामी कार्यकाल की भी समीक्षा करेगी।”

उपमुख्यमंत्री ने आरोप पत्र में भाजपा की ओर से इस्तेमाल की गई अपमानजनक भाषा की निंदा की। उन्होंने कहा,“हम उस स्तर तक नहीं जा सकते हैं और ना ही इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं। हम किसी भी अपमानजनक भाषा की निंदा करते हैं और हम मानते हैं कि जब किसी राजनीतिक दल के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं होता है तो वे गालियों का सहारा लेते हैं।”

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