डीटीसी की खस्ता हालत पर भाजपा ने उठाए सवाल, केजरीवाल सरकार के दावे भ्रामक

दिल्ली परिवहन निगम की खस्ता हालत को भांपते हुए अब भाजपा ने सीधे सरकार से सवाल किया है कि वह दिल्ली परिवहन निगम पर श्वेत पत्र जारी कर दिल्लीवासियों को बताए आखिर असली तस्वीर क्या है;

Update: 2017-08-08 13:12 GMT

 नई दिल्ली।  दिल्ली परिवहन निगम की खस्ता हालत को भांपते हुए अब भाजपा ने सीधे सरकार से सवाल किया है कि वह दिल्ली परिवहन निगम पर श्वेत पत्र जारी कर दिल्लीवासियों को बताए आखिर असली तस्वीर क्या है।

आगामी दो वर्षों में डीटीसी को विश्व स्तरीय बनाने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के दावे को पूरी तरह भ्रामक बताते हुए भाजपा ने कहा है कि डीटीसी की आर्थिक स्थिति एवं अन्य मामले इस हद तक खराब हो चुके हैं कि जिन कदमों को उठाने की बात करके केजरीवाल सरकार सुधार लाना चाहती है उनसे अब कुछ संभव नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार की तरह वर्तमान अरविन्द केजरीवाल सरकार की गलत नीतियों के चलते डीटीसी आज ठप्प होने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि डीटीसी ही नहीं पूरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी की सरकारों की नीतियां आज की कुव्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं।

लगभग वर्ष 2010 तक तत्कालीन दिल्ली सरकार ने बस माफिया से सांठगांठ के चलते ब्लू लाइन के नाम से चलने वाली किलर लाइन बसों को दिल्ली की सड़कों पर आतंक मचाने दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय के दबाव एवं राष्ट्रमंडल खेलों को देखते हुए तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने डीजल एवं ब्लू लाइन बसों को बंद करने का निर्णय लिया और जेएनयूआरएम फंड से 2008 से 2011 के मध्य चार हजार लो फ्लोर सीएनजी बसें खरीदीं जबकि इनकी खरीद एवं रख रखाव में भी भारी धांधली के आरोप समय-समय पर लगते रहे हैं।  

आज दिल्ली की सड़कों पर लगभग 11 हजार बसों की आवश्यकता है, लेकिन आज डीटीसी के पास 3940 का बेड़ा है जिसमें से अधिकाधिक 3400 बसें सड़कों पर उतरती हैं और केजरीवाल सरकार दो वर्ष में 1000 साधारण बसें लाकर डीटीसी के बेड़े को उच्च स्तरीय बनाने के हास्यास्पद दावे कर रही है। तिवारी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार के इस दावे से बड़ा कोई झूठ नहीं हो सकता क्योंकि यदि सरकार आज बस का ऑर्डर दे तो पहली बस सड़क पर जनवरीए 2018 में आयेगी और तब तक वर्तमान बसों के बेड़े में से 500 बसों को अपना 10 वर्ष का जीवन पूरा कर लेने के कारण डीटीसी को सड़कों से हटाना होगा।

उन्होने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार अगले दो वर्ष में 2000 बसें भी खरीदती है तो भी जनवरी, 2020 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव तक सड़कों पर डीटीसी की तीन हजार बसें ही होंगी क्योंकि तब तक 10 वर्ष पुराना दो हिताई बेड़ा सड़कों से हट जाएगा।

उन्होने कहा कि नए परिवहन मंत्री ने मीडिया से अपनी पहली चर्चा में ई-टिकट लाने के साथ-साथ डीटीसी की सम्पत्तियों, बसों, बस स्टॉपों आदि के माध्यम से राजस्व अर्जित करने के दावे किये पर जमीन पर कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए अब सरकार श्वते पत्र जारीकर बताए कि डीटीसी के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयेाग की सिफारिशों पर वेतन मिलने लगा है, डीटीसी की विस्तृत जानकारी जनता को दी जाए। 
 

Tags:    

Similar News