बजट से भाजपा सांसद उत्साहित

पिछले साल के आखिर में हुए विधानसभा चुनावों में हिंदी भाषी तीन राज्यों में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद बैकफुट पर आ गए थे;

Update: 2019-02-03 00:19 GMT

नई दिल्ली। पिछले साल के आखिर में हुए विधानसभा चुनावों में हिंदी भाषी तीन राज्यों में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद बैकफुट पर आ गए थे, लेकिन अंतरिम बजट में किसानों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मध्यवर्ग के लोगों के लिए की गई घोषणाओं से वे फिर उत्साहित हैं। भाजपा सांसद बताते हैं कि आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर उनको अब बोलने के मुद्दे मिल गए हैं। 

भाजपा सांसदों की माने तो वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में किए गए सभी वादे विश्वसनीय हैं और आने वाले महीनों में यह पार्टी का अहम मुद्दा होगा जिससे चुनाव का एजेंडा तय होगा। 

भाजपा सांसदों ने बताया कि कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के पदाधिकारियों ने निजी बातचीत में बजट की तारीफ करते हुए इसे प्रगतिशील, दूरदर्शी और डायनामिक करार दिया है। 

भाजपा के वरिष्ठ सांसद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "अंतरिम बजट में संकटग्रस्त किसानों, परेशान मध्यवर्ग के करदाताओं और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों समेत सबको खुश करने के लिए साहसिक कदम उठाया गया है। इसमें आधुनिक, प्रौद्योगिकी से प्रेरित, उच्च विकास, समान ओर पारदर्शी समाज का वादा किया गया है।"

उन्होंने कहा, "पहले से ही सरकारी योजनाओं के 22 करोड़ लाभार्थी हैं। अगर आप इन तीन समूहों को जोड़ दें तो भाजपा को अपने विरोधियों के मुकाबले फायदा मिलेगा।"

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी की हार के बाद विपक्षी दलों के एकजुट होने और प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से भाजपा सांसदों में पार्टी के दोबारा सत्ता में आने को लेकर असमंसज की स्थिति बनी हुई थी। 

एक अन्य भाजपा सांसद ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "मोदीजी ने पासा पलट दिया है।"

उन्होंने कहा कि इससे अगले लोकसभा चुनाव में निश्चित रूप से पार्टी की संभावना को मजबूती मिलेगी। 

उन्होंने कहा, "अगर आप विपक्षी दलों को देखें तो उनका आधार जाति की राजनीति है। लेकिन मोदी सरकार ने जो किया है वह उससे ऊपर उठकर है। विभिन्न जातियों और समाज के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। जिनको आवास, गैस कनेक्शन या बिजली मिली है वे क्यों दूसरे दल को चुनेंगे।"

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