भाजपा विधायकों ने सीलिंग पर की राहत की मांग
सीलिंग में राहत के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मास्टर प्लान 2021 के कुछ प्रावधानों में छूट देने की मांग की गई है;
नई दिल्ली। सीलिंग में राहत के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मास्टर प्लान 2021 के कुछ प्रावधानों में छूट देने की मांग की गई है। यदि यह प्रावधान लागू हो जाएं तो व्यापारियों को सीलिंग से अविलंब राहत मिल सकती है।
विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आज उपराज्यपाल मुलाकात कर कहा कि सीलिंग से सम्बन्धित कुछ पहलुओं को लेकर व्यवसायियों के मन में शंकाएं और भ्रम भी हैं । इन्हें भी दूर करने की आवश्यकता है ताकि कन्वर्जन चार्ज जमा करने का काम बिना किसी रूकावट के सुचारू रूप से चलता रहे।
उपराज्यपाल के साथ हुई बैठक में विपक्ष के नेता के अतिरिक्त विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा और जगदीश प्रधान भी उपस्थित थे। बैठक में दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। विपक्ष के नेता ने कहा कि प्रावधानों में छूट देना उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में है । इनमें राहत देने से व्यापारियों की परेशानियों को दूर करने में बड़ी सफलता मिलेगी । उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वे शीघ्रातिशीघ्र उचित कदम उठाएंगे ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके ।
उपराज्यपाल के साथ बैठक में विजेन्द्र गुप्ता ने इस बात पर बल दिया कि मिक्स लैंड यूज के लिए ब्याज सहित 10 गुणा वार्षिक कन्वर्जन चार्ज जमा कराने की पैनल्टी में छूट दी जाए। इसके साथ ही शॉप-कम रिहायशी प्लॉटों पर रिहायशी प्लॉटों वाले डेवलपमेंट कन्ट्रोल नॉर्मस लागू हों तथा 351 सड़कों का नोटिफिकेशन हो। वार्षिक कन्वर्जन चार्ज को लेकर व्यापारियों में भ्रम को तुरन्त दूर किया जाए क्योंकि व्यापारियों में भ्रम है कि यह हमेशा के लिए प्रतिवर्ष देना है ।
परन्तु यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि कन्वर्जन चार्ज केवल 10 वर्ष का ही जमा कराना है। उन्होंने मास्टर प्लान 2021 के कठोर प्रावधानों में संशोधन कर तुरन्त राहत की मांग रखते हुए कहा कि मास्टर प्लान के अध्याय 15 के अनुच्छेद 9, में यह छूट दें कि यदि कोई दुकानदार 31 मार्च 2018 तक एकमुश्त पार्किंग चार्ज तथा कन्वर्जन चार्ज जमा करा देता है, तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
मानेटरिंग कमेटी ने इस बात पर बल दिया है कि दुकानदार मास्टर प्लान के प्रावधान के अनुरूप 10 गुना कन्वर्जन चार्ज 8 प्रतिशत ब्याज सहित अविलम्ब एकमुश्त जमा कराएं। उन्होंने कहा कि किसी भी दुकानदार के लिए यह सम्भव नहीं है कि वह इतनी भारीभरकम दण्डात्मक राशि का भुगतान करें और इसमें छूट दी जाए।