भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार इकाई के नेताओं को दिखायी हैसियत : जदयू
जदयू ने भाजपा की और से आज जारी केंद्रीय पदाधिकारियों की सूची में बिहार से सिर्फ एक नाम होने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्री जेपी नड्डा की नई टीम में जिस तरह से बिहार की जमकर उपेक्षा की गयी है;
पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की और से आज जारी केंद्रीय पदाधिकारियों की सूची में बिहार से सिर्फ एक नाम होने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्री जेपी नड्डा की नई टीम में जिस तरह से बिहार की जमकर उपेक्षा की गयी है उससे साफ़ पता चलता है केंद्रीय नेतृत्व यहां के नेताओं को नेतृत्व करने लायक समझता ही नहीं है।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता राजीव रंजन ने शनिवार को कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार से वोट मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी है। वह मान चुके हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में उनका सूपड़ा साफ़ हो जाएगा।
श्री रंजन ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नई टीम में उत्तर प्रदेश को बिहार की तुलना में 700 प्रतिशत अधिक महत्व दिया गया है। उत्तर प्रदेश से जहां आठ लोगों को जगह दी गयी है वहीं बिहार से महज एक व्यक्ति को स्थान दिया गया है। उसमें भी बिहार से किसी को महामंत्री या उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नहीं रखा गया है। वहीं, उत्तरप्रदेश से तीन उपाध्यक्ष, दो महामंत्री, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद भी उत्तर प्रदेश को मिला है।
जदयू महासचिव ने कहा कि भाजपा की नई टीम में बिहार से किसी पिछड़े-अतिपिछड़े, दलित या महादलित को स्थान नहीं मिला है। अल्पसंख्यकों को तो यह ऐसे भी नहीं देखना चाहते हैं। इनके पिछड़े-अतिपिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यक विरोधी होने का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि नई टीम में बिहार के नेताओं को जगह नहीं देने से प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री के बिहार से विशेष लगाव के दावों की भी पोल खुल गयी है। भाजपा को बताना चाहिए कि प्रधानमन्त्री एवं गृहमंत्री का यह बिहार से कैसा प्रेम है कि वह यहां के नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व देने लायक तक नहीं समझते।
श्री रंजन ने कहा कि नई टीम की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की बात भी हवा में तैर रही है। उसमें भी इस बात की प्रबल संभावना है कि बिहार के कई मंत्रियों के पद छीने जाने जायेंगे। इससे पता चलता है कि केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष बिहार भाजपा के नेताओं का महत्व तब तक ही था जब तक इनकी पार्टी जदयू के साथ थी। अलग हटने के बाद अब उन्हें कौड़ी भर भी भाव नहीं मिल रहा है.
जदयू महासचिव ने कहा कि वास्तव में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बिहार भाजपा की गुटबाजी से पूरी तरह आजिज आ चुका है। वह जान गये हैं कि बिहार भाजपा दल नहीं बल्कि दलदल है। उन्हें पता चल चुका है कि इनके संगठन के भीतर हर बड़े नेता ने अपना एक अलग संगठन बनाया हुआ है। केंद्रीय नेतृत्व जान चुका है कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे बिहार भाजपा के नेताओं का मनभेद बढ़ता जाएगा इसीलिए बिहार से किसी नेता को राष्ट्रीय संगठन में कोई विशेष जिम्मेवारी नहीं दी गयी है।