त्रिपुरा में भाजपा की सहयोगी पार्टी ने सीएए के खिलाफ विरोध तेज किया

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ मंगलवार को यहां विरोध प्रदर्शन करते हुए विभिन्न दलों से जुड़े लगभग 250 आदिवासियों को 'गैरकानूनी तरीके से' एकत्रित होने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया;

Update: 2020-01-08 01:53 GMT

अगरतला। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ मंगलवार को यहां विरोध प्रदर्शन करते हुए विभिन्न दलों से जुड़े लगभग 250 आदिवासियों को 'गैरकानूनी तरीके से' एकत्रित होने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य में अब भाजपा की सहयोगी पार्टी ने भी सीएए के खिलाफ अपने विरोध को तेज कर दिया है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के मुख्यालय खुमुलवंग में एकत्रित होना शुरू कर दिया था।

सीएए के खिलाफ संयुक्त आंदोलन के लिए कई जनजातीय दलों के समूह जेएमएसीएबी का नेतृत्व इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) ने किया। इस समूह ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब से मुलाकात के बाद सीएए के खिलाफ अपनी गतिविधि को बंद कर दिया था। मगर इसके बाद इन्होंने मंगलवार से दोबारा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

प्रदर्शन कर रहे समूह की मांग है कि त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को सीएए के दायरे से बाहर रखा जाए।

जेएमएसीएबी के एक घटक नेशनल कांफ्रेंस ऑफ त्रिपुरा (एनसीटी) के प्रमुख अनिमेश देबबर्मा ने कहा कि 80 साल पहले स्थानीय आदिवासी बहुमत में थे, लेकिन वे अब राज्य की 40 लाख आबादी में से केवल एक तिहाई बचे हैं।

पूर्व विधायक देबबर्मा ने कहा, "अगर बांग्लादेशी शरणार्थियों को सीएए के अनुसार नागरिकता दी जाती है, तो आदिवासी आबादी और कम हो जाएगी। उनका पारंपरिक जीवन, संस्कृति और अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही दबाव में है, संकट में पड़ जाएगी।"

जेएमएसीएबी के संयोजक एंथनी देबबर्मा ने कहा कि 12 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह से बैठक के बाद समूह ने 18 दिसंबर और दो जनवरी को मुख्यमंत्री से मुलाकात की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, "शाह ने दिसंबर में एक और बैठक का आश्वासन दिया, लेकिन एक महीने बाद भी हमें दिल्ली से कोई सूचना नहीं मिली है।"

आदिम जाति कल्याण और वन मंत्री और आईपीएफटी के महासचिव मेवर कुमार जमातिया ने आईएएनएस से कहा कि वे मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखेंगे।

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